--सरकार का होली गिफ्ट, सरकारी जमीन पर रह रहे लोगों को मालिकाना हक

कैबिनेट का फैसला-

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-30 वर्षो के लीज पर दी जाएगी सरकारी और खासमहल की जमीन

- एक जनवरी 1985 के पूर्व से ही जमीन पर अधिकार होने का दिखाना होगा प्रमाण, जिलों से मुख्यालय आएगा प्रस्ताव

- राज्य बनने के बाद पहले बार अनुसूचित जाति आयोग का गठन होगा

- चार जिलों में बनेंगे एससी/एसटी मामलों के निष्पादन के लिए विशेष कोर्ट

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रांची : शहर में अतिक्रमण कर रहनेवाले लोगों को सरकार ने होली के ठीक पहले तोहफा दिया है। 10 डिसमिल जमीन तक का आवासीय अतिक्रमण अब नियमित होगा। इसमें सरकारी जमीन के साथ-साथ खासमहल की जमीन भी शामिल है और खासमहल की तरह ही इस जमीन को लीज पर दिया जाएगा। इसके लिए जमीन पर मकान बनाकर रह रहे लोगों को प्रमाणित करना होगा कि वे एक जनवरी 1985 के पूर्व से ही उक्त भूखंड पर रह रहे हैं। इसके अलावा राज्य कैबिनेट ने पहली बार अनुसूचित जाति आयोग के गठन को मंजूरी दे दी है। राज्य में अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) के मामलों के त्वरित निष्पादन के लिए चार जिलों में अलग से कोर्ट बनाने का भी निर्णय लिया गया है। 1864 पंचायतों में मिट्टी परीक्षण का काम शुरू करने के प्रस्ताव को भी कैबिनेट ने स्वीकृति प्रदान की है। कैबिनेट के फैसलों की जानकारी राजस्व मंत्री अमर बाउरी एवं कैबिनेट सचिव एसकेजी रहाटे ने दी।

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लीज की जमीन बेच नहीं सकेंगे

शहरी क्षेत्रों में लीज के आधार पर प्राप्त जमीन को बेचने की आजादी भू-स्वामी को नहीं होगी। इस भूमि का नामांतरण उत्तराधिकारी के नाम पर हो सकेगा। कैबिनेट के फैसले के अनुसार संबंधित प्रकृति की भूमि की लीज बंदोबस्ती की कार्रवाई राज्य सरकार के अनुमोदन से की जा सकेगी। सलामी की राशि एकमुश्त, जबकि लगान 30 वर्षो तक प्रतिवर्ष के हिसाब से देना होगा। लीजधारी अगर सक्षम हुआ तो वह लगान की राशि एकमुश्त भी दे सकेगा। कुछ शहरी क्षेत्रों की सर्वे रिपोर्ट भी सरकार के पास है जो कि जमीन के अतिक्रमण में होने का प्रमाण बनेगी। 1985 के पूर्व से जमीन पर कब्जा होने का प्रमाण जिलों में तय नीति के अनुरूप होगी।

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अन्य फैसले

- रांची, हजारीबाग, धनबाद और देवघर अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति से संबंधित लंबित मामलों के निष्पादन के लिए विशेष कोर्ट बनेंगे। इन जिलों में 100 से अधिक मामले लंबित हैं।

- सरकारी मेडिकल कॉलेजों में जन औषधि स्टॉल खोलने के लिए ¨हदुस्तान लाइफकेयर लिमिटेड को अनुमति मिली। यहां सस्ती दवाइयों से लेकर स्टेंट और सर्जरी से संबंधित सामग्री भी मिलेगी।

- उग्रवाद के खिलाफ विशेष पुलिस बल स्पेशल इंटेलीजेंस ब्यूरो के गठन को मिली स्वीकृति।

- प्रधानमंत्री सिंचाई योजना के तहत जलछाजन परियोजनाओं के लिए 202 करोड़ रुपये का आवंटन।

- आरके मिशन विवेकानंद विश्वविद्यालय को 2.94 करोड़ अनुदान की स्वीकृति।

- जीएसटी के तहत प्राइस वाटर कूपर की कंसल्टेंसी सुविधाएं एक वर्ष के लिए और बढ़ाई गई।

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इनसेट

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एक लाख की जमीन पर 10 हजार सलामी

रांची : कैबिनेट ने सरकारी जमीन अथवा खासमहल की जमीन लीज पर देने के लिए फॉर्मूला भी तय कर दिया है। एक लाख रुपये सरकारी मूल्य की जमीन के लिए दस हजार रुपये सलामी देना होगा और पांच सौ रुपये वार्षिक लगान। जमीन की कीमत उस इलाके में निर्धारित सरकारी दर के आधार पर तय होगी। तीस साल का एकमुश्त लगान भी लाभुक दे सकते हैं जो कि 15 हजार रुपये होगा। इस प्रकार एक लाख की जमीन तीस वर्षो के लिए लोगों को 25 हजार रुपये के भुगतान पर मिलेगी। इसमें सलामी की रकम को एकमुश्त देना है जबकि वार्षिक लगान हर वर्ष देने की स्वतंत्रता होगी।

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