10 अगस्त 1963 :-
उत्तर प्रदेश के एक छोटे से गांव गोरहा में 10 अगस्त 1963 को एक निम्न जाति के घर फूलन देवी का जन्म हुआ था। 11 साल की उम्र में फूलन की शादी हो गई लेकिन उनके पति और परिवार ने उन्हें घर से निकाल दिया।
1979 :-
पति द्वारा घर से निकाले जाने के बाद फूलन देवी वापस अपने पिता के पास आकर मजदूरी करने लगी। तभी एक दिन गांव के कुछ सवर्णों ने फूलन का बलात्कार कर दिया। फूलन इंसाफ के लिए दर-दर भटकती रही लेकिन उसे इंसाफ न मिला। फिर उसने साल 1979 में डकैत का एक अलग गैंग बनाया।
1981 :-
डकैत बनने के बाद फूलन के दिमाग में बस एक बात थी गैंगरेप का बदला। 14 फरवरी 1981 को फूलन बहमई गांव गई जहां उसने 22 सवर्णों का लाइन से खड़ा कर गोलियों से भून दिया। इसके बाद फूलन देवी का डर आसपास इलाकों में फैल गया।
1983 :-
तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की ओर से 1983 में फूलन देवी से सरेंडर करने को कहा गया। जिसे फूलन ने मान लिया।
1983-1994 :-
सरेंडर करने के बाद फूलन को गिरफ्तार कर जेल में डाल दिया गया और करीब 11 सालों तक फूलन जेल में बंद रही।
1994 :-
साल 1994 में फूलन देवी की जिंदगी पर आधारित एक फिल्म 'बैंडिट क्वीन' बनी थी। इस फिल्म का निर्देशन शेखर कपूर ने किया था और फूलन देवी का किरदार सीमा विश्वास ने निभाया था।
1996 :-
साल 1994 में समाजवादी सरकार ने फूलन को जेल से रिहा कराकर दो साल बाद 1996 में मिर्जापुर से चुनाव लड़ने को कहा। फूलन लोकसभा चुनाव जीतकर सांसद बनी और सीधे दिल्ली पहुंच गई।
1998 :-
दो साल तक सांसद रहने के बाद 1998 चुनाव में फूलन देवी को अपनी सीट हारनी पड़ी थी।
1999 :-
लेकिन एक साल बाद 1999 में फूलन फिर से चुनाव लड़ीं और भारी मतों से जीतकर मिर्जापुर से सांसद चुनी गईं।
2001 :-
25 जुलाई 2001 को शेर सिंह राणा नाम के एक शख्स ने फूलन को उनके आवास पर गोली मारी दी। जिससे उनकी मौत हो गई।
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