पढ़िए आई नेक्स्ट के सीनियर न्यूज एडिटर उमंग मिश्र की एनालिसिस और जानिए उन 10 वजहों को जिनके आधार पर कहा जा सकता है कि भारत-पाक क्रिकेट सीरिज नहीं होनी चाहिए।
1. भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ जिन वजहों से सीरीज न खेलने का फैसला किया था वो कारण अब भी मौजूद हैं..मुंबई हमले का मास्टरमाइंड पाकिस्तान में खुला घूम रहा है, सीमा पर गोलीबारी भी जारी है और पाकिस्तान भारत के खिलाफ आतंकवाद को खुला सपोर्ट दे रहा है..ऐसे में सीरीज खेलने का मतलब होगा कि भारत एक ऐसा देश है जो समय बीतने के साथ कोई भी जख्म भुला सकता है और इस बात को भी नजरअंदाज कर सकता है कि पड़ोसी नए जख्म देने की भरसक कोशिश अब भी करने से बाज नहीं आ रहा।
2. न्यूट्रल वेन्यू पर सीरीज का कोई मतलब नहीं है क्योंकि सवाल वेन्यू का नहीं पाकिस्तान के साथ खेलने का है। श्रीलंका में सीरीज खेलना का मतलब ही ये है कि दोनों देशों के बीच हालात इतने खराब हैं कि किसी एक की जमीं पर दोनों टीमें नहीं खेल सकती..अगर हालात इतने खराब हैं तो क्रिकेट खेलना का क्या औचित्य है।
3. भारत पाकिस्तान क्रिकेट सीरीज भारतीय विदेश नीति की कूटनीतिक हार होगी। भारत की नीति रही है कि पहले आतंकवाद बंद करें फिर बातचीत करें। ऐसे में सीरीज खेलकर भारत पाकिस्तान की नीति पर मुहर लगा देगा।
4. सीरीज के पक्ष में दिया जा रहा तर्क कि कलाकार की तरह क्रिकेट को राजनीति से अलग रखना चाहिए खोखला है। पाकिस्तान के साथ होने वाला मैच गुलाम अली का कन्सर्ट नहीं होता है।
5. सीरीज खेलने के उलट भारत को पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड को आर्थिक रूप से कमजोर होने देना चाहिए ताकि वो अपनी माली हालत सुधारने के लिए भारत के साथ क्रिकेट खेलने को तरसे और अपनी सरकार पर भारत के खिलाफ आक्रामक नीति न अपनाने का आंतरिक दबाव बनाए।
6. पाकिस्तान के खिलाफ सीरीज सिर्फ क्रिकेट का मसला नहीं है जिसे खेल भावना के तराजू में तौला जाए। हालत ये है कि खिलाड़ी भी पाकिस्तान के खिलाफ सीरीज के खिलाफ हैं। महान खिलाड़ी सुनील गावस्कर खुलेआम पाकिस्तान के साथ सीरीज खेलने का विरोध कर चुके हैं। पूर्व टेस्ट क्रिकेटर अतुल वासन और कीर्ति आजाद भी पाकिस्तान के साथ सीरीज खेलने के प्रबल विरोधी हैं।
7. सीरीज से पाकिस्तान की हरकतों को वैधता मिलेगी। ये संदेश जाएगा कि भारत और पाकिस्तान में सौहार्द स्थापित है। ऐसा झूठा संदेश पाकिस्तान की उस नीति को फायदा पहुंचाएगा जिसके तहत वो एक ओर आतंकवाद को बढ़ावा देता है और दूसरी तरफ बातचीत का ढोंग करना चाहता है।
8. इस सीरीज से भारत का फायदा नहीं. फायदा सिर्फ पाकिस्तान और पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड का है। अगर पीसीबी आर्थिक रूप से खस्ताहाल है तो ये बीसीसीआई की जिम्मेदारी नहीं है कि वो उसको बेल आउट पैकेज दे। बीसीसीआई से जुड़े कारसाज किसी भी सरकार में अपने जुगाड़तंत्र से काम कराने का बेजा हुनर रखते हैं। ऐसे लोगों के व्यक्तिगत हितों के लिए देश की नीति को कुर्बान नहीं किया जाना चाहिए।
9. अगर सरकार ने सीरीज की इजाजत दी तो मोदी सरकार की छवि पर भी बट्टा लगेगा। कश्मीर में पीडीपी से मिलकर सरकार चलाने की वजह से उस पर पहले ही सॉफ्ट हो जाने का आरोप लग रहा है। ऐसे में ये सीरीज आतंकवाद के खिलाफ सरकार की मजबूत छवि को कमजोर करेगी।
10. मैच में दोनों देशों की भावनाएं जुड़ जाती हैं। इसलिए भारत पाकिस्तान के बीच क्रिकेट राजनीति से अलग हो ही नहीं सकता। दोनों देशों के बीच क्रिकेट डिप्लोमेसी का प्रयोग होता भी रहा है। क्रिकेट को राजनीति से अलग करने की बात ढकोसला है।
inextlive from Spark-Bites Desk
Interesting News inextlive from Interesting News Desk