1. साइक्लोन फेलिन यह नाम दिया है थाईलैंड ने.

2. फेलिन नाम उसे एक कीमती पत्थेर के नाम पर मिला है सफायर जिसे हिंदी में नीलम कहते हैं.

3. 4 अक्टूबर 2013 को जापानी मैट्रोलॉजिकल एजेंसी की नजर सबसे पहले इस पर पड़ी. थाईलैंड की खाड़ी में हो ची मिन्ह सिटी से लगभग 400 किमी दूर यह ट्रॉपिकल डिप्रेशन नजर आया.

4. कुछ ही दिनों के भीतर यह अंडमान सागर पर देखा गया. इंडियन मैट्रोलॉजिकल डिपार्टमेंट ने 8 अक्टूकबर से इस पर नजर रखनी शुरू की और नाम दिया डिप्रेशन बीओबी 04.

5. युनाइटेड स्टे ट्स ज्वाहइंट टायफून वार्निंग सेंटर ने इसे अगले कुछ दिनों के भीतर मजबूत होता देखकर इसका दर्जा बढ़ा दिया और नाम दिया ट्रॉपिकल साइक्लो्न 0बी. साथ ही उसने एडवाइजरी भी जारी कर दी.

6. बंगाल की खाड़ी में एंट्री से पहले यह थोड़ा कमजोर हुआ और अंडमान आईलैंड स्थित मायाबंदर के पास से गुजरा.

7. बंगाल की खाड़ी में पहुंचने के बाद इसने खुद को रिऑर्गनाइज किया. इस पर नजर रख रहे इंडियन मेट्रोलॉजिकल डिपार्टमेंट ने सूचना दी कि अब यह एक साइक्लोनिक स्टॉर्म (चक्रवाती तूफान) का रूप ले चुका है और इसका फेलिन होने की घोषणा की.

8. नाम मिलने के  घंटे के भीतर ही 10 अक्टूलबर को सफीर-सिंपसन स्के ल हरीकेन विंड स्के⦴ल पर इसे कैटेगरी 1 हरीकेन होने का दर्जा भी मिल गया.

9. 11 अक्टूबर को फेलिन की तीव्रता इस स्केदल पर कैटेगरी 4 हरीकेन मापी गई. इतना ही नहीं हवाओं ने आंख के आकार का रूप ले लिया.

10. इसके 1 अक्टूबर की रात को भारत के पूर्वी तट को छूने की आशंका है. ओडिसा और आंध्र प्रदेश में इस तूफान की वजह से होने वाली तबाही की आशंका के चलते बचाव और राहत एजेंसियों को अलर्ट रहने के आदेश दिए गए हैं.

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