- सराफा मर्डर केस में पुलिस ले रही चप्पे-चप्पे की जानकारी

- केस मजबूत करने को पुख्ता सबूत जुटाने में जुटी हुई पुलिस

आगरा। सर्राफ रामकुमार अग्रवाल हत्याकांड में जब हत्यारे का चेहरा सामने आया, तो सभी दंग रह गए। भाई हरीश ने ही उसे मरवाया, जबकि वह भाई की मौत पर सबसे अधिक रिएक्ट कर रहा था। वह पोस्टमार्टम हाउस पर बेहोश तक हो गया। पुलिस ने मामले में चार लोगों को जेल भेजा। अब पुलिस इस मामले में पुख्ता तथ्य जुटा रही है, जिससे हत्यारों को अधिक से अधिक सजा मिल सके।

छह महीने से चल रही थी प्लानिंग

कर्ज में डूबे हरीश ने भाई के बिजनेस को टेकओवर करने के लिए साजिश रची। वह हत्या बहुत पहले ही करना चाहता था, लेकिन उसे मौका नहीं मिला। छह महीने पहले हमला भी उसी ने कराया, लेकिन किसने रामकुमार के सिर पर रॉड मारी पता नहीं चला है। पकड़े गए हत्यारों में से भी कुछ क्लीयर नहीं हुआ है। पुलिस ने जब मामले की छानबीन की, तो पता चला कि हरीश ने शूटरों से पिछले छह महीने में 10 से अधिक बार अलग-अलग स्थानों पर मीटिंग की। मीटिंग का मंसूबा सीधे तौर पर भाई की हत्या करना ही था। पुलिस अब उन स्थानों को ट्रेस कर रही है, जहां पर इनकी मीटिंग हुई है।

मोबाइल की लोकेशन को किया जा रहा ट्रेस

पुलिस इस मामले में सीडीआर (कॉल डिटेल रिकॉर्ड) निकलवा रही है। शूटरों से हरीश की कितनी बार किन-किन स्थानों पर और क्या-क्या बात हुई, इसकी जानकारी की जा रही है। चूंकि यदि शूटरों से लगातार बात निकल कर आती है, तो पुलिस को केस डायरी में मजबूत तथ्य डालने को मिलेगा।

घटना की लोकेशन की चल रही छानबीन

जिस दौरान रामकुमार की हत्या हुई, उस दौरान बदमाशों की लोकेशन व हरीश की लोकेशन ट्रेस की जा रही है। सूत्रों की मानें तो हरीश घटना से पूर्व वहां पर था, लेकिन घटना के दौरान नहीं। वह पूरा मामला फिट करके चला गया। शूटर भी तैयार थे। पुलिस इस बात को भी एविडेंस में शामिल कर रही है।