RANCHI मुबारकबाद, आप शतायु हो गये हैं। एक रुपये के नोट से गुरुवार को आप यह कह सकते हैं क्योंकि 30 नवंबर एक रुपये के नोट का सौवां जन्मदिन है। ब्रिटिश इंडिया में 30 नवंबर 1917 को एक रुपये का पहला नोट जारी किया गया था। 25 नोट के अनस्टैपल्ड पैकेट में जारी किये गये इस नोट में तीन में से किसी एक सिग्नेचरीज के हस्ताक्षर होते थे जिनमें एमएमएस गुब्बे, एसी मैकवाटर और एच डेनिंग के नाम शामिल हैं। इस नोट में जार्ज पंचम की तस्वीर होती थी। यह नोट हैंड मोल्ड कागज से बने होते थे। उस समय एक रुपये की कीमत 13 अमेरिकी डॉलर के बराबर थी। ब्रिटिश पीरियड में एक रुपये के नोट 1917, 1935 और 1940 में निकले। 1935 में निकले नोट में जेडब्ल्यू केली के सिग्नेचर थे और 1940 में निकले नोट में सीई जोंस के सिग्नेचर थे। आजाद भारत में 1949 से एक रुपये के नोटों के निकलने का सिलसिला शुरु हुआ और इनपर पहला सिग्नेचर केआरके मेनन का था। पहले नोट में सिक्के की जगह बैक साइड में फ्लोरल मोटिफ था। 1949 से ये नोट 1994 तक निकलते रहे। 1950 में जो नोट जारी हुआ उसमें फ्लोरल मोटिफ का स्थान एक रुपये के सिक्के ने ले लिया। इसके बाद यह सिलसिला लगातार चला। 1994 में बंद होने के बाद वर्ष 2015 से एक रुपये के नोट फिर से निकलने लगे और 2017 तक यह सिलसिला जारी है। ---------------- अमरेंद्र आनंद के पास है पहला एक रुपये का नोट धनबाद के कुसुम विहार निवासी नोट और क्वाइन कलेक्टर अमरेंद्र आनंद के पास 1917 में जारी एक रुपये का पहला नोट है। श्री आनंद ने बताया कि उन्हें बचपन से ही नोट कलेक्शन का शौक है। उनके पास एमएमएस गुब्बे, एसी मैकवाटर और एच डेनिंग के सिग्नेचर से जारी 1917 में जारी किए गये एक रुपये के नोट हैं। यही नहीं उनके पास 1917 से 2017 तक जारी किया गया तकरीबन हर एक रुपये का नोट है। श्री आनंद ने बताया कि यह एक रुपये का नोट उन्होंने 15 साल पहले 400 रुपये में खरीदा था और आज इसकी कीमत न्यूमिस्मैटिक मार्केट में 20,000 से उपर है। उन्होंने बताया कि वर्ष 1917 में जारी एक रुपये के नोट में पहला सिग्नेचर एसी मैकवाटर का था। एमएमएस गुब्बे 1920 में गवर्नर एप्वाइंट किये गये पर 1917 में जारी किये गये नोट में उनके और एच डेनिंग के सिग्नेचर थे। इसकी वजह यह थी कि 1917 से 1934 तक जो भी एक रुपये के नोट जारी किये गये उसमें नोट जारी करने का वर्ष 1917 ही था चाहे वह 1920 में जारी किये गये हों या 22 में। अनूठा संग्रह है डॉ पांडेय रविभूषण के पास रांची के नगराटोली के रहनेवाले जमशेदपुर के एमजीएम मेडिकल कॉलेज में पैथोलॉजी के एचओडी डॉ पांडेय रविभूषण के पास एक रुपये के नोटों का अनूठा संग्रह है। इनके पास वर्ष 1935 में जारी एक रुपये के नोट से लेकर 2017 तक जारी हर एक रुपये का नोट है। इसमें 1940 में जारी सीई जोंस के हस्ताक्षर वाला नोट और केआरके मेनन के सिग्नेचर वाला आजाद भारत का पहला नोट शामिल है। इनके अनूठे कलेक्शन में पाकिस्तान के लिए प्रिंट किया गया एक रुपये का नोट और रेयर माना जानेवाला वर्ष 1964 के एस भूतलिंगम के बी सीरीज का एक रुपये का नोट भी है। भूतलिंगम के बी सीरीज के एक नोट की गडडी एक समय न्यूमिस्मैटिक मार्केट में 30 लाख रुपये में बिकी थी। उन्होंने बताया कि इन सभी नोटों को कलेक्ट करने में उन्होंने दस वर्षो से अधिक का समय लगाया है। फैक्ट फाइल - इंडिया में एक रुपये का पहला नोट 30 नवंबर 1917 को जारी किया गया - आजादी के बाद पहला नोट वर्ष 1949 में जारी किया गया। - एक रुपये के नोट 1949 से 1994 तक लगातार छपते रहे। 1995 से यह बढ़ते खर्च के कारण बंद कर दिये गये। - 2015 से एक रुपये के नोट फिर से छपने शुरु हुए और 2017 तक छप चुके हैं - एक रुपये के नोट भारत सरकार की ओर से छापे जाते हैं जबकि अन्य सारे नोट रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की ओर से छापे जाते हैं - एक रुपये के नोट में फाइनेंस सेक्रेटरी का हस्ताक्षर होता है जबकि अन्य नोटों में रिजर्व बैंक के गवर्नर का - एक रुपये के नोटों को छोड़कर अन्य सभी नोटों में यह लिखा होता है कि मैं धारक को --- अदा करने का वचन देता हूं - एक रुपये के नोट के साथ वर्ष 1917 में ढाई रुपये का नोट भी जारी किया गया था।