छ्वन्रूस्॥श्वष्ठक्कक्त्र : पूर्वी सिंहभूम की कुल 2592680 लाख जनसंख्या में जिला टीवी हास्पिटल 2017 में महज 1470 को टीवी से ग्रसित होने का दावा कर रहा है। जबकि देश के आंकड़े कुछ और ही कहानी कर कह रहे हैं। विभाग इस बात को स्वीकार कर रहा है कि एक साल में 6 हजार रोगियों को चिह्ति करने का लक्ष्य रखा गया, लेकिन प्रति साल 3400 से 3600 रोगियों को खोजा जा सका है।
कम हैं डॉक्टर-स्टाफ
टीबी मरीजों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है पर चिकित्सकों की संख्या नहीं बढ़ी। एमडीआर टीबी वार्ड को संचालित करने के लिए कम से कम एक मेडिकल ऑफिसर, एक काउंसलर, एक डाटा इंट्री कर्मचारी व एक असिस्टेंट की आवश्कता है।
एमडीआर पर लटका ताला
सदर अस्पताल में तीन साल पहले 10 लाख रुपये की लागत से बनाए गए एमडीआर टीबी (मल्टी ड्रग रेसिस्टेंट) वार्ड पर ताला लटका है। विभाग में न तो डॉक्टर हैं और व ही कर्मचारी। इसमें महिला व पुरुष के लिए पांच-पांच बेड आरक्षित हैं लेकिन कुछ ही दिन के बाद बंद हो गया।
मिले 109 एमडीआर के मरीज
लौहनगरी में एमडीआर टीबी तेजी से जड़ फैला रहीं है। चार साल में चार गुणा मरीजों की संख्या बढ़ीं है। वर्ष 2015 से लेकर अबतक कुल 109 मरीजों की पुष्टि हो चुकी है। वहीं तीन साल में 11 मरीजों की मौत हो चुकी है।
टीवी के लक्षण
दो सप्ताह से ज्यादा खांसी आना, शाम के समय शरीर गर्म रहना, वजन में कमी, रात में पसीना आना, भूख न लगना, छाती में दर्द, बलगम में खून आना, कमजोरी व थकान का लगना।
किस वर्ष कितने एमडीआर टीबी के मरीज मिले (बॉक्स)
वर्ष मरीज मौत
2015 16 04
2016 25 05
2017 51 02
2018 17 00 (अबतक)
ये इलाके टीबी जोन घोषित
टीबी के मरीज इन क्षेत्रों से अधिक सामने आते हैं। इसमें भुइयांडीह स्थित ह्यूमपाइप, कल्याण नगर, बिरसानगर, बर्मामाइंस स्थित चूनाभट्टा, हरिजन बस्ती, बिष्टुपुर स्थित बलदेव बस्ती, सोनारी स्थित झारखंड बस्ती, मानगो स्थित झारखंड बस्ती, आजाद बस्ती सहित अन्य शामिल है।