पुलिस ने उठाया ऐसा कदम
ताजनगरी आगरा और आगरा डिवीजन के अंतर्गत आने वाले रेलवे स्टेशनों पर चलाया गया यह अपनी तरह का पहला अभियान था। जीआरपी आगरा डिवीजन के 12 स्टेशनों पर स्वच्छता अभियान चलाया गया। इस अभूतपूर्व अभियान के अंतर्गत जीआरपी ने 109 लोगों को जेल भेजा। जीआरपी ने इन लोगों को सार्वजनिक स्थल पर पेशाब करते पकड़ा। इन लोगों को 24 घंटे जेल में रखने के बाद 100 से 500 रुपये तक का जुर्माना लेकर बाद में छोड़ दिया गया। इतना ही नहीं शराब पीकर उपद्रव मचाने व पान खाकर दीवारों पर थूकने वालों पर भी कार्रवाई की गई।

पान थूकन या हंगामा करने वाले भी पकड़े गए
सार्वजनिक स्थल पर पान थूकने या फिर शराब न मिलने पर हंगामा करते लोगों को भी पकड़ा गया। इस अभियान का नेतृत्व कर रहे थे जीआरपी पुलिस के वरिष्ठ अधीक्षक गोपेशनाथ खन्ना। गोपेशनाथ इस अभियान को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छ भारत अभियान से जोड़कर चला रहे थे। उन्होंने कहा कि इस अभियान को चलाने के पीछे मकसद सिर्फ एक ही है। वह यह कि बस अब बहुत हुआ। छह शताब्दी बीत गईं हैं, लेकिन स्वच्छता के प्रति हमारा व्यवहार जरा भी नहीं बदला है। उनका कहना रहा कि ये शहर हर साल करोड़ों पर्यटकों का स्वागत करती है। ऐसे में हम सार्वजनिक स्थलों पर अपने व्यवहार की कमी को नकार नहीं सकते।     

पहले ही राउंड में धरे गए 23 लोग
जीआरपी की ओर से इस अभियान की शुरुआत बीते शुक्रवार को की गई। इसके पहले ही चरण में अकेले आगरा कैंट स्टेशन पर ही 23 आदमियों को पकड़ा गया था। अभियान डिवीजन के अंतर्गत आने वाले आगरा कैंट, आगरा फोर्ट, राजा की मंडी, ईदगाह व टूंडला आदि स्टेशनों पर चलाया गया। जीआरपी को उम्मीद है कि इस अभियान से सार्वजनिक स्थलों विशेषकर रेलवे स्टेशनों पर गंदगी फैलाने से लोग बाज आएंगे। इसके अलावा जीआरपी ने आपराधिक गतिविधियों पर भी अंकुश लगाने के लिए आर्म्स एक्ट, और चोरी के अंतर्गत कुल 12 लोगों को भी गिरफ्तार किया।

खुले में इस तरह से गंदगी फैलाते 109 लोगों के साथ किया ऐसा सलूक़
करना होगा अच्छी भावना का विकास
पुलिस के अनुसार लोगों में अपने देश को बदलने उसे खूबसूरत बनाने की भावना का विकास करना होगा। अब आगे के लिए जरूरी यह है कि इस तरह का प्रयास रोजमर्रा की जिंदगी में किया जाए, न कि कभी-कभी। लोगों को बताना होगा कि क्या सही है और क्या गलत। क्या करना चाहिए और क्या नहीं। इसके साथ ही हमें अपनी आगे आने वाली पीढ़ी को भी स्वच्छता और अच्छाई की शिक्षा से रूबरू कराना होगा। ये भी तभी संभव है, जब हम खुद उनके लिए अच्छे उदाहरण प्रस्तुत कर सकेंगे।

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