- मजदूरी देना दूर, खाने के लिए भी रुपये नहीं दे रही कंपनी, पासपोर्ट भी कर लिया जब्त

- दस माह पूर्व झारखंड से मलेशिया नौकरी के लिए गए थे दस मजदूर

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गिरिडीह : नौकरी के लिए मलेशिया गए झारखंड के गिरिडीह, बोकारो व सिमडेगा जिले के 11 मजदूर वहां फंस गए हैं। नियोजन देने वाली कंपनी उन मजदूरों को तय मजदूरी देना तो दूर, खाने के लिए भी पैसे भी नहीं दे रही है। मजदूरों का पासपोर्ट भी कंपनी के लोगों ने जब्त कर लिया है। पीडि़त मजदूरों ने विदेश मंत्रालय को संयुक्त रूप से पत्र लिखकर वतन वापसी की गुहार लगाई है। ये सभी मजदूर दस माह पूर्व झारखंड से मलेशिया दलालों के माध्यम से नौकरी के लिए गए थे। विदेश मंत्रालय को भेजे गए आवेदन में कहा है कि उन्हें लीड मास्टर इंजीनिय¨रग एंड कंस्ट्रक्शन एसडीएन डॉट बीएचडी कंपनी में काम दिया गया। कंपनी के साइट मैनेजर से जब मजदूरी भुगतान करने की मांग की जाती है तो वे बार-बार पैसे की मांग करने से मना करते हैं तथा मारपीट की धमकी देते हैं। ऐसे में भारत वापसी के अलावा अब कोई विकल्प नजर नहीं आ रहा है। प्रवासी मजदूरों के लिए काम करने वाले सामाजिक कार्यकर्ता सिकंदर अली ने सरकार से हस्तक्षेप कर मलेशिया में फंसे सभी मजदूरों की वतन वापसी कराने की गुहार लगाई है।

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मलेशिया में फंसे मजदूरों की सूची

गिरिडीह के मधुबन थानाक्षेत्र के बरियारपुर निवासी बिनोद कुमार महतो, बोकारो के चिलगो निवासी विजय कुमार करमाली, सत्यदेव करमाली, राजेंद्र महतो, बरकीसिधवारा निवासी भीम महतो, कोलेशवर रविदास, महेन्द्र कुमार महतो, कुबरापाथर निवासी छोटेलाल सोरेन, गोमिया के जरकुंडा नावाटांड निवासी लोकनाथ रविदास, हडाडे बनचतरा निवासी गणेश किस्कू एवं सिमडेगा जिला अंतर्गत पंडरीपानी प्रखंड क्षेत्र के मरोमदगा कशबहार गांव निवासी कैलाश प्रधान शामिल हैं।

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