नॉर्मल चाइल्ड है मेरी बेटी

सबसे कठिन टेस्ट में टॉप करने वाली सान्या, पिन्नर, वेस्ट लंडन में रहती है। उनकी इस उपलब्धि से उनकी मां बेहद खुश हैं। इतना एकस्ट्रा टैलेंट होने के बाद भी सान्या की मां सुनिता का कहना है कि उनकी बेटी कोई असाधारण लड़की नहीं है। वो बाकी बच्चों कि तरह ही एक नॉर्मल चाइल्ड है।

11 साल की सान्‍या ने रचा र्कीतिमान

11 साल की सान्‍या ने रचा र्कीतिमान

कम समय में की मेनसा टेस्ट की तैयारी

सुनिता ने बताया कि जब सान्या को पता चला कि वह इस टेस्ट में जाने के लिए योग्य है तो, उसने अपने पिता से इस टेस्ट में जाने के लिए खूब जिद्द की थी। इस टेस्ट को प्रिपेयर करने के लिए सान्या को ज्यादा समय नहीं मिल पाया था। उसने कुछ चुनिंदा आईक्यू और मेंटल एबिलिटी बुक्स को ही सॉल्व किया था।

11 साल की सान्‍या ने रचा र्कीतिमान

टेस्ट लगा बेहद आसान

सुनिता ने बताया कि जब उन्होंने सान्या से टेस्ट के बारे में पूछा, तो उसने कहा की उसका टेस्ट अच्छा हुआ है और टेस्ट ज्यादा मुश्किल नहीं था। सान्या को अच्छे अंक आने कि उम्मीद शुरू से थी। पर इसमें वो टॉप कर लेगी, यह बात उनको नहीं पता थी। सन्या के मां-बाप अपनी बेटी की इस र्कीतिमान से बहुत खुश हैं। उनका कहना है कि उनको अपनी बेटी के टैलेंट पर पूरा विश्वास था क्योंकि वो हमेशा से ही चैलेंजिंग सवाल के जवाब ढूंढ़ा करती है।

11 साल की सान्‍या ने रचा र्कीतिमान

अच्छे स्कोर हासिल किए

इस टेस्ट का एवरेज आईक्यू स्कोर 100 हैं। जो लोग इससे ज्यादा स्कोर करते है वो टॉप की श्रेणी में आते हैं। सान्या ने इसमें 162 अंक हासिल किए है, जिसने उनको टॉपर बना दिया है। एक डाटाबेस खोज में पाया गया है कि मेनसा में 10 साल के केवल तीन बच्चे ही अब तक इतने ज्यादा अंक हासिल कर पाएं हैं। इस टेस्ट में वर्बल और न्यूमेरिकल रीजनिंग के सवाल पूछे जाते हैं। ब्रिटीश मेनसा में 20,000 मेंबर्स हैं, जिसमें 1,500 मेंबर्स की एज 18 साल से कम हैं।

पढ़ने का हमेशा से है शौक

सान्या को बहुत छोटे से ही पढ़ने का शौक लग गया था। अभी भी वो खेलने से ज्यादा समय बुक्स पढ़ने में यूटीलाइस करती है। उसे तरह-तरह की बुक्स पढ़ने का बेहद शौक है। इसके अलावा उन्हे टेनिस, चेस, सिंगिंग और पियानो का भी शौक हैं।

11 साल की सान्‍या ने रचा र्कीतिमान

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