समझौते पर बनी सहमति

प्रतिबंध के प्रारूप पर सहमती बन गई है। इससे जुड़े दस्तावेज पर जल्द ही सभी देश औपचारिक रूप से हस्ताक्षर कर देंगे। यूएन में कोस्टारिका की राजदूत एलिन व्हाइट गोमेज ने इस कदम को एतिहासिक बताया है। उनके मुताबिक दो दशक से भी ज्यादा समय के बाद पहली बार परमाणु निरस्त्रीकरण को लेकर बहुपक्षीय समझौते पर सहमति बनी है। गोमेज ने बताया कि बुधवार को प्रतिबंध के मसौदे की समीक्षा के बाद वह पूरी तरह आश्वस्त हो गईं कि परमाणु हथियारों पर पाबंदी के लिए व्यापक समझौते पर सहमति बनी है। पिछले साल दिसंबर में यूएन के सदस्य देशों ने परमाणु हथियार को गैरकानूनी घोषित करने वाले प्रस्ताव को जबरदस्त बहुमत से पास किया था।

नीदरलैंड ने किया विरोध

इस यूएन सम्मेलन की अध्यक्षता कर रही एलेन गोम्ज ने समझौते को ऐतिहासिक बताया। 129 देशों ने जहां इसके समर्थन में मतदान किया। वहीं केवल नीदरलैंड्स ने इसका विरोध किया। इस वोटिंग में सिंगापुर शामिल नहीं हुआ। गोम्ज ने कहा, परमाणु हथियारों से इस दुनिया को आजाद करने की दिशा में हमने आज पहला कदम उठाया। हम आप अपने बच्चो से कह रहे हैं कि परमाणु हथियारों से मुक्त दुनिश का सपना साकार हो सकता है। अगस्त 1945 में जब जापान के हिरोशिमा और नागासाकी पर आणविक बम गिराए गए थे। उसके बाद पिछले 70 सालों से दुनिया इस तरह के कानून का इंतजार कर रही थी।

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