- जरहरा तकरोही में 25 किमी की सीवेज लाइन कंपनी की लापरवाही से ध्वस्त

- बिना प्रोजेक्ट पूरा किए कंपनी भागी, विभाग ने की ब्लैक लिस्ट में डालने की तैयारी

LUCKNOW :ट्रांसगोमती एरिया में सीवेज लाइन डालने के दौरान लापरवाही बरतने की आई नेक्स्ट की खबर के बाद काम कराने वाली कंपनी पर जल निगम ने कार्रवाई की है। जल निगम ने कंपनी की 13 करोड़ सिक्योरिटी मनी जब्त कर जोर का झटका दिया है। वहीं 355 किमी सीवेज लाइन के प्रोजेक्ट को अधूरा छोड़ने पर जल निगम कंपनी को ब्लैक लिस्ट करने की तैयारी कर रहा है।

नोटिस के बाद लिया एक्शन

इंदिरानगर के जरहरा व तकरोही क्षेत्र में डीसीपीएल कंपनी द्वारा 25 किमी की सीवरेज लाइन डाली गयी थी, लेकिन कंपनी द्वारा सीवर लाइन डालने के बाद अधिकारी मेंटेन करना भूल गए। लापरवाही के चलते सीवेज लाइन को चैम्बर्स से नहीं जोड़ा गया। यही नहीं 2012-13 में प्रोजेक्ट शुरू करने के बाद कंपनी ने कार्य को समय से नहीं पूरा किया। आलम यह कि कंपनी के अधिकारियों को जल निगम द्वारा नोटिसें जारी की गयी, लेकिन कंपनी ने अपना रवैया नहीं बदला। लापरवाही का आलम यह है कि मौके पर अधिकतर सीवरेज लाइन के चैम्बरों के ढक्कन गायब हैं। प्रोजेक्ट के सीवरेज लाइन के मेनहोल मिट्टी और कचरे से पटे हुए हैं। कंपनी की इस लापरवाही पर जल निगम ने कार्रवाई करते हुए उसकी 13 करोड़ की बैंक गारंटी जब्त कर ली। अब अधिकारी कंपनी को अधिकारी ब्लैक लिस्ट करने की तैयारी कर रहे हैं।

बिना कंप्लीशन सर्टिफिकेट के भागी कंपनी

ट्रांसगोमती क्षेत्र में जेएनएनयूआरएम के तहत डिस्ट्रिक थर्ड के पार्ट 2 के तहत कंपनी को 355 किमी की सीवर डालने का कार्य दिया गया था। कंपनी ने कार्य शुरू किया, लेकिन पूरा करने से पहले छोड़ गयी। जबकि टेंडर नियमों में कंपनी प्रोजेक्ट पूरा करने के बाद जल निगम को हैंडओवर करना था, लेकिन कंपनी बिना कार्य पूरा किए भाग खड़ी हुई। प्रोजेक्ट अधिकारी एसके गौतम के अनुसार कंपनी ने प्रोजेक्ट पूरा नहीं किया जबकि कंप्लीशन सर्टीफिकेट के बिना कंपनी काम को नहीं छोड़ सकती।

नहीं बनाया पंपिंग स्टेशन

सीवेज प्रोजेक्ट में कंपनी को सीवर लाइनों के साथ सीवेज पंपिंग स्टेशन बनाना था, लेकिन बिना पंपिंग स्टेशन पूरा किए ही कंपनी चंपत हो गयी। कंपनी द्वारा जरहरा और फरीदीनगर में पंपिंग स्टेशन बनाया जाना था। जरहरा में स्थानीय व्यक्ति ने कोर्ट में स्टेशन मामले को घसीटने के चलते रुका था, लेकिन फरीदीनगर में पंपिंग स्टेशन का कार्य शुरू तक नहीं कराया था। हालांकि बाद में जल निगम द्वारा कंपनी का कार्य दूसरी कार्यकारी संस्था से कराया।

कोट

सीवेज कार्य कंपनी को दिया गया था, लेकिन कंपनी ने प्रोजेक्ट का कार्य अधूरा छोड़ा था, जिसके चलते कंपनी पर कार्रवाई की गयी। कंपनी की 13 करोड़ की बैंक गारंटी जब्त कर ली गयी।

- पीके आसुदानी, एमडी जल निगम