RANCHI : झारखंड के राजकीय पशु हाथी को शायद अब यहां की आबोहवा भा नहीं रही है। ताजा रिपोर्ट के अनुसार यहां जंगली हाथियों की संख्या घट गई है। पिछली गणना में झारखंड में 688 हाथी पाये गये थे। इस बार हाथियों की संख्या 555 रह गई है। राज्य में सबसे अधिक हाथी पलामू टाइगर प्रोजेक्ट में पाये गये हैं। वहां कुल 186 जंगली हाथियों के रहने के प्रमाण मिले हैं। सारंडा में 86 हाथी मिले हैं जबकि दुमका में एक हाथी पाया गया है। रांची प्रक्षेत्र में जंगली हाथियों की कुल संख्या 66 है.वन विभाग के पीसीसीएफ (वन्य प्राणी) एलआर सिंह का मानना है इस बार आसपास के सभी राज्यों में भी हाथियों की गणना हुई है। एक साथ परिणाम आने से हाथियों की सही स्थिति का आकलन किया जा सकता है।

आठ से दस मई तक हुई थी गणना

झारखंड में आठ से 10 मई तक हाथियों की गणना हुई थी। झारखंड के साथ-साथ ओडिशा, प। बंगाल और छत्तीसगढ़ में भी हाथियों की गणना हुई है। भारत सरकार ने पहली बार कुछ राज्यों को मिलाकर एक प्रक्षेत्र बनाने की कोशिश की है। इस प्रक्षेत्र में एक बार गणना की गई है। इस बार आइ इस्टीमेट (आंख से आकलन) के साथ-साथ हाथियों की लीद (डंग) के आधार पर भी गणना हुई है।

क्या हैं वजहें

1-वन विभाग के मुताबिक, टाइगर प्रोजेक्ट में पुलिस की गतिविधियों से जानवरों को हुआ है नुकसान

2 -दलमा में हाथियों की गिनती जब हो रही थी वह समय विशु शिकार (आदिवासियों की परंपरा) था, संभव है उस समय वहां से हाथी पलायन कर गए।

3- बंगाल ने इस बार ट्रेंच खोद दी है। इस कारण वहां से जो हाथी झारखंड में आते थे वे नहीं आ पाए हैं।

हर पांच साल पर होती है गणना (बॉक्स)

पूरे देश में हाथियों की गणना हर पांच साल पर होती है। पिछली बार 2012 में गणना हुई थी। इसमें झारखंड में 688 हाथी पाये गये थे। इससे पूर्व 2007 में हुई गणना में हाथियों की संख्या 624 थी। पूरे देश में पिछली गणना में करीब 30700 हाथी पाये गये थे।

कहां कितने हाथी

क्षेत्र - संख्या

पलामू टाइगर प्रोजेक्ट - 186

दलमा - 46

सारंडा - 86

कोल्हान - 36

चाईबासा - 26

पूर्वी सिंहभूम - 44

रांची - 66

हजारीबाग - 03

बोकारो - 19

अन्य - 43