डीएम ने 31 मार्च तक 5-5 लाख खर्च करने के दिए निर्देश

फीरोजाबाद : मनरेगा योजना से कार्य कराने में जिले की 14 ग्राम पंचायतें फिसड्डी साबित हुई हैं। चालू वित्तीय वर्ष समाप्त होने में अब मात्र दो महीने रह गए हैं और इन गांवों में अभी तक 20-20 हजार रुपए का काम भी नहीं हुआ है। जिलाधिकारी ने नाराजगी जताते हुए अधिकारियों को इन दो महीनों में 5-5 लाख रुपए खर्च करने के निर्देश दिए हैं।

गांवों में विकास कार्य कराने के लिए महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना से जिले को करोड़ों रुपये आवंटित होते हैं। जिससे ग्राम पंचायतें सार्वजनिक उपभोग की संपत्तियां जैसे तालाब, चकरोड, शौचालय, नाली आदि का निर्माण कराती हैं। वर्ष 2014-15 के बीते दस महीनों में जिले की आधे से अधिक ग्राम पंचायतों में दो दो लाख रुपये खर्च हो गए हैं। जबकि चौदह पंचायतें ऐसी हैं जिनमें 20-30 हजार रुपये भी खर्च नहीं हुए हैं.जाहिर है कि इससे न तो इन गांवों में कोई सार्वजनिक संपत्ति तैयार हुई और न जॉबकार्ड धारकों को सौ दिन काम देने का लक्ष्य पूरा हुआ। इस स्थिति पर जिलाधिकारी विजय किरन आनंद ने काफी नाराजगी जताई है। उन्होंने संबंधित खंड विकास अधिकारी एवं ग्राम पंचायत अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे 31 मार्च तक कम से कम पांच पांच लाख रुपये खर्च कराएं। अन्यथा कड़ी कार्यवाही की जाएगी।

जिला ग्राम्य विकास अभिकरण के परियोजना निदेशक सर्वेश चंद्र यादव ने बताया कि जिले की चौदह ग्राम पंचायतों में पांच से कम मस्टर रॉल जारी हुए हैं। जिससे यहां खर्च हुई मनरेगा की धनराशि का आसानी से अंदाजा लगाया जा सकता है।

ये ग्राम पंचायतें पिछड़ींमनरेगा से कार्य कराने में अरांव ब्लॉक की सराय भरथरा, रुधैनी, फीरोजाबाद की सिकहरा हरदासपुर, नरगापुर, आलमपुर कनैटा, ढकपुरा, ¨कदरपुर, वजीरपुर जेहलपुर, खैरगढ़ की शेखनपुर, शेखपुर, मदनपुर की भावली, सराय मुरलीधर, टूंडला की प्रतापपुर और एका की गींगना ग्राम पंचायत पिछड़ गई है।

112 आवासों की धनराशि मिलेगीलोहिया आवास योजना के अंतर्गत चयनित किए गए लाभार्थियों के खाते में पहली किश्त की धनराशि जल्द ही उनके खातों में पहुंचेगी। पीडी डीआरडीए ने बताया कि वर्ष 2013-14 के 90 और 14-15 के 22 लाभार्थियों को धनराशि दी जा रही है। इनमें तीन अनुसूचित जाति के एवं बाकी सभी सामान्य जाति के हैं। प्रथम किश्त के रूप में प्रत्येक को एक लाख 22 हजार 500 रुपये दिए जाएंगे।