KANPUR: सिटी में मेट्रो रेल को लेकर फ् फरवरी को होने वाली मीटिंग की तैयारियां केडीए में तेज हो गई है। केडीए ऑफिसर्स का मानना है कि लखनऊ की तुलना में कानपुर में मेट्रो पर अधिक खर्च आएगा। फिलहाल क्भ् हजार करोड़ रूपए का वह अनुमान लगा रहे हैं। वह भी तब मेट्रो रूट की लंबाई भ्0 किलोमीटर से ज्यादा न हो। ये तभी संभव है जब इस मेट्रो ट्रेन के इस प्रोजेक्ट पर सेंट्रल गवर्नमेंट भागीदारी करे।

होगा प्रजेंटेंशन

सिटी में मेट्रो रेल चलाए जाने को लेकर फ् फरवरी को कमिश्नर मो.इफ्तिखारुद्दीन की अध्यक्षता में मीटिंग होनी है। ये मीटिंग काफी अहम बताई जा रही है। इसकी वजह ये है कि इस मीटिंग में लखनऊ मेट्रो रेल कार्पोरेशन के एमडी, राइटस के ऑफिसर्स के अलावा सिटी के लगभग सभी महत्वपूर्ण गवर्नमेंट डिपार्टमेंट के ऑफिसर्स को भी मीटिंग में बुलाया गया है। फिलहाल मीटिंग का एजेंडा राइट्स के साथ ट‌र्म्स ऑफ रेफरेंस, डीपीआर और मेट्रो रुट के एलाइनमेंट बताया जा रहा है। मेट्रो रूट के लिए पहले जीटी रोड के पैरलल आईआईटी से अहिरवां और कालपी रोड के पैरलल पनकी भौती हाइवे से जरीबचौकी, घंटाघर होते हुए मालरोड तक मेट्रो का टेंटिव रूट रखा गया था। ट्रैफिक रश, ट्रैफिक प्रॉब्लम आदि देखते हुए अब मेट्रो के रूट में साउथ सिटी को शामिल किए जाने की पूरी संभावना है। इसी वजह से केडीए ऑफिसर मेट्रो रूट की लंबाई लगभग भ्0 किलोमीटर तक पहुंच जाएगी। केडीए ऑफिसर्स के मुताबिक मेट्रो चलाने में सभी खर्च मिलाकर फ्00 करोड़ प्रति किलोमीटर खर्च आएगा। लखनऊ में ख्भ्0 करोड़ प्रति किलोमीटर से अधिक खर्च आ रहा है। कानपुर में मेट्रो डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट के साथ-साथ फिजिबिलिटी रिपोर्ट भी बनानी पड़ेगी। इसी वजह से लखनऊ की तुलना में कानपुर में खर्च अधिक होगा। फिलहाल सैटरडे को चीफ टाउन प्लानर स्वराज गांगुली, टाउन प्लानर आशीष शिवपुरी, बीपी सिंह आदि ऑफिसर फ् फरवरी को होने वाली मीटिंग के प्रजेंटेंशन की तैयारी में लगे रहे।