RANCHI: कोल इंडिया बोर्ड की स्वीकृति के बाद पुरुष कोयलाकर्मियों को क्भ् दिन का पितृत्व अवकाश देने का आदेश जारी हो गया है। पितृत्व अवकाश पत्‍‌नी के प्रसव के क्भ् दिन पूर्व से या प्रसव के छह माह तक कभी भी लिया जा सकता है। पूर्ण वेतन के साथ यह अवकाश मिलेगा। अनुषंगी कंपनियों को भी यह आदेश निर्गत किया गया है।

यौन उत्पीड़न में 90 दिन तक छुट्टी

एक अन्य आदेश में कहा गया है कि कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न की स्थिति में जांच के दौरान महिला कोयला अधिकारी को जांच कमिटी की अनुशंसा पर 90 दिन का अधिकतम अवकाश मिल सकेगा। यह व्यवस्था कार्य स्थल पर यौन उत्पीड़न रोकने संबंधी ख्0क्फ् के एक्ट के तहत की गई है। वहीं, अवकाश के बदले नकद भुगतान(लीव एनकैशमेंट)संबंधी प्रावधान में संशोधन किया गया है। सिर्फ बेसिक और महंगाई भत्ता का भुगतान किया जाएगा। मेडिकल कैडर यानी डाक्टरों को इससे नुकसान होगा, क्योंकि पहलेएनपी (नन प्रैक्टिसिंग अलाउंस) का भी लिव एनकैशमेंट में भुगतान होता था।

सीजीएम पद में इलेक्ट्रीकल-मेकेनिकल की उपेक्षा

कोल इंडिया ने पहले मुख्य महाप्रबंधक(सीजीएम) का पद खत्म कर दिया था। अब बोर्ड ने ख्भ्ब् सीजीएम के पदों को स्वीकृति दी है। स्वीकृत सीजीएम के पद में मैकेनिकल एवं इलेक्ट्रिकल की उपेक्षा की गई है। माइनिंग में सीजीएम के क्ख्0 पद हैं, जबकि इलेक्ट्रिकल और मैकेनिकल में केवल क्फ् पद दिए गए हैं। सीजीएम पद की नई व्यवस्था आईआईएम लखनऊ से मैनपावर पर कराए गए अध्ययन के आधार पर की गई है।