-शासन के निर्देश पर 15 लाख रुपये के बांटे जाएंगे कंबल
-तहसीलों में किया गया अलावा का इंतजाम, हर तहसील को मिले 1.50 लाख रुपये
-पानीपत लैब में परीक्षण के लिए भेजे सैंपल
- एडीएम फाइनेंस पूरी कर रहे प्रक्रिया
Meerut: भीषण सर्दी से किसी गरीब की जान न जाए इसके लिए जिला प्रशासन ने कमर कस ली है। आपदा राहत कोष से मेरठ में 15 लाख रुपये की धनराशि से कंबल गरीब जनता के बीच बांटे जाएंगे तो वहीं हर तहसील को अलाव जलाने के लिए डेढ़-डेढ़ लाख रुपये दे दिया गया है। 70 प्रतिशत वूल की पुष्टि के बाद ही कंबल की खरीददारी की जाएगी।
डीएम ने परखी गुणवत्ता
गत दिनों डीएम बी चंद्रकला ने 7 सरकारी उपक्रमों द्वारा निर्मित कंबलों की गुणवत्ता का परीक्षण किया। गांधी आश्रम मेरठ, यूपी हैंडलूम मेरठ, यूपीका एवं अन्य जनपदों से आई संस्थाओं ने हैंडमेड कंबल को दिखाया। आपदा राहत कोष के प्रावधानों के तहत कंबल में कम से कम 70 प्रतिशत वूल होनी चाहिए।
पानीपत से होगी जांच
डीएम ने चयनित तीन संस्थाओं के कंबल को परीक्षण के लिए पानीपत स्थित गर्वमेंट इंस्टीट्यूट में जांच के लिए भेजा है। एडीएम वित्त एवं राजस्व गौरव वर्मा ने बताया कि 2 दिन में सैंपल चेक होकर आ जाएंगे। गुणवत्ता और कीमतों पर फिट संस्था के कंबलों की खरीददारी सोमवार से शुरू कर दी जाएगी।
हर तहसील को मिले 1.50 लाख
एडीएम एफआर ने बताया कि हर तहसील को सर्दी से छुटकारा पाने के लिए अलाव जलाने के निर्देश दिए गए हैं। राहत कोष से हर तहसील को डेढ़-डेढ़ लाख रुपये अलाव जलाने के लिए जारी कर दिया गया है।
नहीं बेंच पाएंगे कंबल
अब तक दान में मिलने वाले कंबल को पात्र द्वारा बाजार में बेंचने की शिकायत आम हो गई थी। डीएम ने इस बार नई व्यवस्था लागू की है। कंबल बाजार में न आए इसके लिए कंबल पर लिखा जाएगा कि 'यह आपदा प्रबंधन से दान दिया गया कंबल है, इसकी खरीद-फरोख्त गुनाह है.'
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70 प्रतिशत वूल की जांच के लिए पानीपत सैंपल भेजा गया है। सैंपल पास होने के बाद कंबल की खरीददारी शुरू कर दी जाएगी। अलाव का पैसा तहसीलों में भेजा गया है।
गौरव वर्मा, एडीएम, वित्त एवं राजस्व