वित्तीय वर्ष 2016-17 में 19 विभागों को लिए बजट ही न मिला

विकास कार्य पर अड़ंगा, रिवाइज्ड बजट भेजकर फिर मांगी रकम

<वित्तीय वर्ष ख्0क्म्-क्7 में क्9 विभागों को लिए बजट ही न मिला

विकास कार्य पर अड़ंगा, रिवाइज्ड बजट भेजकर फिर मांगी रकम

BAREILLY:

BAREILLY:

जनहित में सरकारी योजनाओं को परवान चढ़ाने में बरेली के क्9 विभागों का दम उखड़ने लगा है। वजह, पिछले एक साल से शहर के क्9 विभागों को सरकारी बजट की खुराक ही नसीब नहीं हुई है। बजट आवंटन में हुई चूक की गंभीरता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि फाइनेंशियल ईयर ख्0क्म्-क्7 खत्म होने में एक हफ्ता भी नहीं रह गया। लेकिन शासन की ओर से इन विभागों को बजट में एक रुपया भी न मिल सका। ब्ख् विभागों में से क्9 को बजट न मिलने से जिले में जहां विकास की रफ्तार सुस्त रही। वहीं शासन की कई महत्वाकांक्षी योजनाएं भी बजट के अभाव में हकीकत का रूप न ले सकी। अगले वित्तीय वर्ष के लिए इन विभागों ने एक बार फिर से जिला योजना को रिवाइज्ड बजट की मंजूरी के लिए लेटर भ्ोजा है।

क् से ब् साल का बजट अटका

जिला योजना के बजट में जिला पर्यटन विभाग को पिछले करीब ब् साल से बजट ही नहीं मिला। हर वित्तीय वर्ष में विभाग ने करीब भ्0 लाख रुपए सौंदर्यीकरण के लिए मांगे थे। जिसमें लीलौर झील, किला रामपुर, नाथ नगरी के मंदिरों की मरम्मत समेत गांधी उद्यान का सौंदर्यीकरण किया जाना था। हालांकि, निगम और बीडीए ने अपने बजट से गांधी उद्यान को संवार दिया है, पर बाकी प्रस्तावित जगहों की दशा जस की तस है। जिला कार्यक्रम विभाग ने भी पुष्टाहार योजना के सफल संचालन के लिए ख् करोड़ का बजट मांग था। बजट भी मंजूर हुआ पर शासन से रकम जारी न हो सकी। इससे जिले में कुपोषण के खिलाफ मुहिम कमजोर पड़ी।

इन विभागों ने मांगा बजट

राजकीय लघु सिंचाई, मत्स्य विभाग, उद्यान विभाग, सड़क एवं पुल निर्माण, जैविक एवं वातावरण के लिए पर्यावरण विभाग, पर्यटन विभाग, प्राविधिक शिक्षा, प्रादेशिक विकास दल, खेलकूद, एलोपैथिक चिकित्सा, परिवार कल्याण, होम्योपैथिक चिकित्सा, आयुर्वेदिक चिकित्सा, नगर विकास कार्यक्रम, पिछड़ा वर्ग कल्याण, अल्पसंख्यक कल्याण, समाज कल्याण, शिल्पकार प्रशिक्षण, आईटीआई और विकलांग कल्याण विभाग ने शासन वित्तीय वर्ष ख्0क्म्-क्7 में बजट की मांग की थी। लेकिन विभागों कोबजट नहीं मिल सका है। इन विभागों ने रिवाइज्ड बजट के लिए सांख्यिकी विभाग को लेटर भेजा है।

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कई विभागों को पिछले वित्तीय वर्ष में बजट जारी नहीं हुआ। उन्हें फिर से विकास कार्यो के मुताबिक बजट तैयार करने के निर्देश दिए थे।

सुरेंद्र सिंह, जिलाधिकारी