RANCHI : चान्हो के सिलागांई गांव में मंगलवार को दो गुटों के बीच मारपीट में घायल 35 लोगों को रिम्स में एडमिट किया गया था। इनमें से 19 घायलों को ट्रीटमेंट के डिस्चार्ज कर दिया गया है, जबकि 16 पेशेंट्स अभी भी यहां एडमिट हैं। घायलों का ट्रीटमेंट मेडिसीन और सर्जरी वार्ड में हो रहा है। रिम्स के डायरेक्टर डॉ एसके चौधरी ने कहा कि घायलों की हालत में सुधार हो रहा है। एक घायल के सिर में चोट है, जिसका सिटी स्कैन कराया गया है। जल्द ही सभी घायलों को भी डिस्चार्ज कर दिया जाएगा।

पुलिसकर्मी भी थे एडमिट

सिलागांई में हुई हिंसा में 12 पुलिसकर्मी भी इंजर्ड हुए थे। इनमें से छह महिला पुलिसकर्मी थीं। इन्हें भी मंगलवार की शाम रिम्स में एडमिट किया गया था। इनमें से अधिकांश पुलिसकर्मियों को ट्रीटमेंट के बाद रिम्स से छुट्टी दी गई है। गौरतलब है कि उत्पातियों ने जहां दशरथ उरांव नाम के एक व्यक्ति की हत्या कर दी थी, जबकि चार दर्जन के करीब लोगों को पीटकर घायल कर दिया था। सभी घायलों को ट्रीटमेंट के लिए रिम्स में एडमिट किया गया था।

चान्हो के सीओ, बीडीओ और सीआई सस्पेंड

डीसी विनय कुमार चौबे के निर्देश पर चान्हो लॉक के बीडीओ सिलवंत भट्ट, सीओ एमी रिंकु कुजूर और सर्किल इंस्पेक्टर सूबेदार राम को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया गया है। मंगलवार को सिलागाईं गांव में हुई हिंसा मामले में इनके खिलाफ यह कार्रवाई की गई है। बुधवार को सिलागाईं में सभास्थल पर ग्रामीणों ने डीसी के समक्ष आरोप लगाया था कि इन अधिकारियों ने जानबूझकर विवादित जमीन का फैसला एक पक्ष में कर दिया था। ग्रामीणों ने कहा कि इस मामले को सीनियर ऑफिसर्स को भी इन अधिकारियों ने नहीं बताई। यदि सीनियर ऑफिसर्स को इसकी जानकारी होती तो ऐसी घटना नहीं होती।

शांति समिति की मीटिंग

चीफ सेक्रेटरी सजल चक्रवर्ती, डीजीपी राजीव कुमार, आईजी एमएस ाटिया समेत कई पदाधिकारी सिलागांई गए। इसके बाद वे लोग चान्हो थाना परिसर में आकर बैठे। इसी बीच एक गुट के लोगों को थाने में बुलाकर शांति और सौहार्द बनाए राने की अपील की। चीफ सेक्रेटरी ने कहा कि मामले को ज्यादा तूल नहीं देना ही अच्छा होगा। उन्होंने कहा कि दोनों पक्षों के बीच आपसी सौहार्द स्थापित कर फिर से अमन, चैन व शांति का माहौल कायम करना होगा।