RANCHI : घर से बाकायदा यूनिफॉर्म पहन और बैग लेकर निकले दो बच्चे गुरुवार को स्कूल जाने की बजाय पहुंच गए हिरण पार्क। पार्क में घंटों घूमने-फिरने के बाद वापस लौटने के क्रम में दोनों बच्चों का एक्सीडेंट हो गया। बच्चों के पैरेंट्स को जब इसकी जानकारी मिली तो वे सन्न रह गए वे समझ नहीं पा रहे थे कि बच्चे तो स्कूल गए थे, फिर इनका एक्सीडेंट कैसे हो गया। दोनों ही बच्चे डीएवी कपिलदेव में पढ़ते हैं।

हॉस्पिटल पहुंचे पैरेंट्स

डीएवी कपिलदेव के स्टूडेंट ऋषि जोशी और यशस्वी के एक्सीडेंट में घायल होने की जानकारी स्कूल मैनेजमेंट ने उनके पैरेंट्स को दी। इसके बाद दोनों के ही पैरेंट्स हॉस्पिटल पहुंचकर पूरे मामले की जानकारी ली। यशस्वी को ज्यादा चोट लगने की वजह से गुरुनानक हॉस्पिटल रेफर कर दिया गया।

यह है मामला

ऋषि जोशी और यशस्वी स्कूटी से स्कूल जाने का बहाना बनाकर घूमने के लिए हिरण पार्क चले गए थे। हिरण पार्क से लौटने के क्रम में स्कूटी में एक ऑटो ने टक्कर मार दी। इसमें दोनों स्टूडेंट्स इंजर्ड हो गए। स्थानीय लोगों ने दोनों को बेहतर इलाज के लिए रांची भेज दिया। एक्सीडेंट केस होने की वजह से नाथ हॉस्पिटल मैनेजमेंट ने बच्चों ने एडमिट करने से इंकार कर दिया। इसी बीच प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता सह झारखंड अभिभावक महासंघ के अध्यक्ष अजय राय रांची स्टेशन पर शताब्दी एक्सप्रेस से उतरकर अपने घर की ओर जा रहे थे तो नाथ हॉस्पिटल के पास भीड़ देखकर रुक गए। उन्होंने हॉस्पिटल मैनेजमेंट पर बच्चों का इलाज करने के लिए दबाव डाला। इसके बाद ही बच्चों का इलाज शुरू हो सका। इसके बाद उन्होंने इसकी जानकारी डीएवी कपिलदेव के प्रिंसिपल को दी। फिर स्कूल के तीन टीचर्स हॉस्पिटल पहुंचे और मामले की जानकारी ली, फिर इसकी सूचना उनके पैरेंट्स को दी गई।

पैरेंट्स कैसे रखें अपने बच्चों पर नजर

अगर आपके बच्चे स्कूल में पढ़ रहे हैं तो बेफिक्र नहीं रहें। कई बार ऐसा होता है कि बच्चे घर से स्कूल जाने के लिए निकलते हैं पर चले जाते हैं कहीं और। ऐसे में बच्चों पर नजर रखने की सख्त जरूरत है। बच्चे स्कूल जा रहे हैं या कहीं और, इसकी जानकारी स्कूल मैनेजमेंट से हमेशा लेते रहने की जरूरत है।

-समय-समय पर स्कूल जाकर बच्चों के अटेंडेंस की लें जानकारी

- बच्चे की जिद पर भी उसे स्कूटी अथवा बाइक नहीं सौंपे

- बच्चों के आत्मविश्वास को बढ़ाएं और अच्छे-बुरे का फर्क समझाएं

- क्लास टीचर या एडमिनिस्ट्रेशन इंचार्ज का फोन नंबर लेकर अपने बच्चें की उपस्थिति की जानकारी लें

- स्कूल प्रबंधन को चाहिए कि जिन बच्चों का अटेंडेंस कम है, उसकी जानकारी गार्जियंस को दें