- 20 करोड़ रुपये से होना है शहर का विकास

- नगर निगम ने शासन को मंजूरी के लिखा था पत्र

मेरठ। शासन में शहर के विकास के 20 करोड़ रुपए मंजूरी के लिए अटके हुए हैं। नगर निगम को पत्र लिखे 20 दिन से अधिक समय हो गया, लेकिन अभी तक शासन से मंजूरी नहीं मिली है। नगर निगम के अधिकारी मंजूरी का इंतजार कर रहे हैं।

अवस्थापना निधि का मामला

शासन ने यूपी चुनाव आचार संहिता लगने से पहले नगर निगम को अवस्थापना निधि के 20 करोड़ रुपये शहर के विकास के लिए भेजे थे। लेकिन दो दिन बाद ही आचार संहित लग गई। आचार संहिता लगने के कारण अवस्थापना निधि की बैठक नहीं हो पाई। वहीं दूसरी तरफ 31 मार्च को वित्तीय वर्ष खत्म हो गया। इसीलिए नगर निगम ने शासन को आचार संहिता की बात बताते हुए बीस करोड़ रुपये को खर्च करने के लिए मंजूरी को बढ़ाने की मांग की थी।

पहले मंजूरी, फिर योजना

शासन से अवस्थापना निधि की धनराशि को खर्च करने की अनुमति मिलने के बाद ही नगर निगम बैठक कर विकास कार्यो की योजना बनाएगा। अवस्थापना निधि की धनराशि को खर्च करने के लिए कमिश्नरी की मंजूरी जरूरी होती है। क्योंकि कमिश्नर अवस्थापना निधि समिति के अध्यक्ष होते हैं। लिहाजा इन बीस करोड़ रुपये से शहर का विकास होने में अभी समय लगेगा।

शासन को मंजूरी के लिए पत्र लिखा हुआ है। अभी तक मंजूरी नहीं मिली है। जल्द ही दोबारा से रिमाइंडर भेजा जाएगा। जिससे जल्द से जल्द मंजूरी मिल जाए और पैसों को शहर के विकास कार्य में लगाया जा सके।

कुलभूषण वाष्र्णेय चीफ इंजीनियर नगर निगम