KANPUR: आईआईटी में रैगिंग मामले पर सीनेट ने सख्त कार्रवाई करते हुए आरोपी ख्ख् सीनियर स्टूडेंट्स की कैंपस में एंट्री पर बैन लगा दिया है। नेक्स्ट सीनेट की मीटिंग तक ये आईआईटियंस कैंपस में नहीं रहेंगे और न ही क्लास व लैब अटेंड कर सकेंगे। पहली बार आईआईटी में रैगिंग के आरोपी स्टूडेंट्स पर एक्शन लेने की तैयारी है। हालांकि स्टूडेंट्स पर एक्शन को लेकर सीनेट दो ग्रुप में डिवाइड हो गई। एक ग्रुप एक्शन चाहता है वहीं दूसरा ग्रुप वार्निग देकर छोड़ने की वकालत कर रहा है.

 

डोसा की जांच में मामला सही

बता दें कि क्9 व ख्0 अगस्त की रात हाल-ख् में जूनियर स्टूडेंट्स के साथ सीनियर स्टूडेंट्स ने रैगिंग करते हुए मेंटली व फिजिकली टॉर्चर किया। जूनियर्स ने इसकी रिटेन कंप्लेंट डीन ऑफ स्टूडेंट्स वेलफेयर से कर दी। डोसा ने पूरे प्रकरण की जांच कराई तो शिकायत सही पाई गई। रैगिंग करने के आरोप में ख्ख् आईआईटियंस चिन्हित किए गए। यह सभी छात्र बीटेक सेकेंड इयर हैं।

 

अनुशासन किया तार-तार

रैगिंग मामले पर आईआईटी में गुरुवार को सीनेट की अहम मीटिंग कॉल की गई। जिसमें सीनेट ने मामले को अनुशासन समिति के हवाले करने के डायरेक्शन दिए। क्योंकि सीनेट नहीं चाहती कि किसी छात्र पर गलत एक्शन न हो जाए। हालांकि, सीनेट ने रैगिंग के सभी ख्ख् आरोपी छात्रों को कैंपस छोड़ने का फरमान जारी कर दिया। इन स्टूडेंट्स को हॉस्टल, क्लास व लैब में जाने की भी इजाजत नही है। सीनेट में हुई चर्चा में कहा गया कि सीनियर छात्रों ने अनुशासन को पूरी तरह तार-तार कर दिया है।

 

कहीं भी जाएं, कैंपस में नहीं

यह पहला मौका है जब रैगिंग के मैटर पर सीनेट में चर्चा की गई है। इसके पहले डोसा के लेवल पर ही रैगिंग की घटनाओं को दफन कर दिया जाता था। सीनेट के डिसीजन पर छात्रों ने कहा कि वह कहां जाएं? इस पर उनसे कहा गया, कहीं भी जाएं या फिर वापस घर जाएं, कैंपस में प्रवेश नहीं मिलेगा। सीनेट की अगली मीटिंग अक्तूबर में किसी भी दिन कॉल की जा सकती है।