RANCHI : जमीन के दाखिल खारिज (म्यूटेशन) के मामले को बेवजह लंबित रखने वाले अंचल ऑफिस के कर्मियों की अब खैर नहीं है। म्यूटेशन के लिए निर्धारित अवधि में अगर आवेदन क निपटारा नहीं हुआ तो इसके लिए दोषी कर्मियों को दंडित किया जाएगा। जिस स्तर पर आवेदन लटका होगा, उसे 250 रुपए जुर्माना देना होगा। जिला प्रशासन ने म्यूटेशन से जुड़े मामलों को लेकर मिल रही शिकायतों के मद्देनजर यह निर्णय लिया है।

दो को हो चुका जुर्माना

नगड़ी अंचल के दो राजस्व कर्मियों को म्यूटेशन के मामले को लंबित रखने के लिए जुर्माना लगाया गया है। डीसी मनोज कुमार ने उन्हें नोटिस जारी कर पूछा है कि किस वजह से उनके स्तर पर दाखिल खारिज निर्धारित समय के अंदर नहीं हो रहा है। इन्हें इस वजह से 250 रुपए का जुर्माना भी देने को कहा गया है। डीसी ने सभी अंचल कार्यालय को आदेश दिया है कि वे म्यूटेशन के मामलों को बेवजह नहीं लटकाएं। अगर ऐसी शिकायत मिलती है तो हर म्यूटेशन के लिए 250 रुपए जुर्माना देना होगा।

दाखिल खारिज के लिए निर्धारित समय

सरकार के राइट टू सर्विस एक्ट के तहत म्यूटेशन के लिए आवेदन देने के 30 दिनों के अंदर उसका निपटारा किया जाना है। अगर जमीन से जुड़े कागजातों में कोई कमी हो तो आपत्ति दर्ज कर कर्मचारी पेपर की मांग कर सकता है। इस सिचुएशन में 90 दिनों तक मे म्यूटेशन कर देने का प्रावधान है। लेकिन, रांची जिले मे रांची जिले में जमीन के ऑनलाइन म्यूटेशन में चार महीने से ज्यादा समय लग रहा है। इतना ही नहीं, ऑनलाइन म्यूटेशन शुरू होने के बाद लंबित आवेदनों की संख्या भी लगातार बढ़ती जा रही है।

हर दिन आ रहे 10 से 15 आवेदन

रांची शहर को 5 अंचलों में बांटा गया है, पहले रांची शहर अंचल में हर दिन 60 से 70 आवेदन ऑनलाइन म्यूटेशन के लिए आते थे, लेकिन अब शहर अंचल, अरगोड़ा अंचल, बड़गाई अंचल अलग होने के बाद हर अंचल में हर दिन करीब 10 से 15 आवेदन आ रहे हैं। अधिकारी दावा करते हैं कि समय पर म्यूटेशन हमलोग कर रहे हैं, लेकिन हर अंचल में लंबित आवेदनों की संख्या बढ़ती जा रही है।

इटकी से हुई थी शुरुआत

झारखंड में सबसे पहले रांची जिले के इटकी अंचल से 2013 में ऑनलाइन म्युटेशन की प्रक्रिया की शुरुआत हुई थी, इसके बाद राज्य के सभी जिलों में ऑनलाइन म्यूटेशन का काम शुरू हुआ है, हालांकि अभी भी कई अंचलों में ऑनलाइन म्यूटेशन का काम शुरू नहीं हो पाया है।

दाखिल खारिज का यह है प्रॉसेस

म्यूटेशन के लिए आवेदन प्रज्ञा सेंटर मे जमा लिए जाते हैं। यहां से आवेदन को ऑनलाइन अंचल कार्यालय भेजा जाता है। यहां इसकी एंट्री होने के बाद टोकन जारी किया जाता है। इसके बाद आवेदन को वैरीफिकेशन के लिए हल्का कर्मचारी को भेजा जाता है। हल्का कर्मचारी की रिपोर्ट सर्किल इंस्पेक्टर के पास आती है। इसके बाद म्यूटेशन का निपटारा अंचल अधिकारी के स्तर पर होता है।