27 साल बाद बन रहा है सृख-समृद्धि योग, शाम को है गणेश-लक्ष्मी पूजन काल
ALLAHABAD: इस बार दीपावली पर 27 साल बाद गुरु चित्रा योग बन रहा है, जो इसके पहले 1990 में बना था और 4 साल बाद 2021 में बनेगा। चित्रा योग में पूजन करने से भगवान गणेश के साथ ही मां लक्ष्मी की विशेष कृपा होती है। दीपावली पर शाम 05.54 से रात 08.26 तक प्रदोषकाल रहेगा। इस दौरान लोग धन, सुख-समृद्धि की कामना से लक्ष्मी, गणेश व कुबेर का पूजन कर सकेंगे।
खास है गुरु चित्रा योग
उत्थान ज्योतिष संस्थान के निदेशक पंडित दिवाकर त्रिपाठी पूर्वाचली ने बताया कि अमावस्या तिथि, गुरुवार का दिन और चित्रा नक्षत्र इन तीनों के एक साथ होने का योग बहुत कम बनता है। इस बार यह स्थिति बन रही है। ज्योतिष में गुरु को सोना, भूमि, कृषि आदि का कारक ग्रह माना जाता है। जबकि चित्रा नक्षत्र चांदी, वस्त्र, वाहन और इलेक्ट्रॉनिक चीजों के लिए खास व शुक्र की राशि वाला समृद्धि का कारक माना जाता है।
ये हैं दीपावली के 10 शुभ मुहूर्त
शुभ- सुबह 06.30 से 8 तक
चर- सुबह 11 से दोपहर 12.30 तक
लाभ- दोपहर 12.30 से 2 तक
अमृत- दोपहर 02 से 03.30 तक
शुभ- शाम 05 से 06.30 तक
अमृत- शाम 06.30 से रात 8 तक
चर- रात 08 से रात 09.90 तक
अभीजित मुहूर्त- दिन के 11 से 12.30 तक
वृषभ लग्न- शाम 07.36 से 09.27 तक
सिंह लग्न- रात 02.04 से 04.10 तक
18 की रात्रि से ही अमावस्या तिथि
18 अक्टूबर की रात 11 बजकर 35 मिनट लग गई अमावस्या तिथि
19 अक्टूबर को रात 11.42 तक रहेगी अमावस्या तिथि
उदया तिथि में सूर्योदय से ही मिल रहा है अमावस्या का मान
प्रदोष काल में पूजन से विशेष कृपा
पंडित दिवाकर त्रिपाठी पूर्वाचली ने बताया कि धर्मशास्त्र श्लोक दीपावली प्रदोष काल एवं महानिशीथ काल व्यापिनी अमावस्या में विहित है। इसमें प्रदोष काल का महत्व गृहस्थों एवं व्यापारियों के लिए महत्वपूर्ण होता है। महानिशीथ काल तांत्रिकों के लिए उपयुक्त होता है। महानिशीथ काल की पूजा मध्य रात्रि 11.17 से 12.07 बजे के बीच की जा सकती है। परंतु निशा पूजा, काली पूजा, तांत्रिक पूजा केलिए स्थिर सिंह लग्न रात 1.23 बजे से 03.37 बजे तक है, जो अति महत्वपूर्ण, अति शुभ मुहुर्त है। प्रदोष काल शाम 05.29 से 07.53 बजे तक रहेगा।
खाता पूजन के लिए शुभ मुहुर्त
प्रदोष काल व्यापिनी स्थिर लग्न वृष शाम 06.59 बजे से लेकर 7.53 बजे तक, वैसे स्थिर लग्न वृष रात 8.52 बजे तक रहेगा
स्थिर लग्न कुम्भ दिन में 2.20 से 2.45 बजे तक।
दीपावली के पूजन में प्रदोष काल अति महत्वपूर्ण होता है। दीपावली के दिन सूर्योदय से हस्त नक्षत्र व सुबह 7.47 बजे के बाद से चित्रा नक्षत्र पूरे दिन रहेगा। साथ ही सूर्योदय से शाम 05.09 बजे तक वैधृति योग तत्पश्चात विष्कुम्भ योग रहेगा।
पं। दिवाकर त्रिपाठी पूर्वाचल
निदेशक
उत्थान ज्योतिष संस्थान