एक्सक्लूसिव

- टेक्नोलॉजी मिशन ऑफ इंडियन रेलवे को गठन के बाद से एक भी पैसा नहीं दिया गया

-यात्रियों को सुरक्षित और आरामदायक यात्रा को लेकर रेलवे के दावे हैं खोखले

- स्पीड, टै्रक मॉडिफिकेशन जैसे प्रोजेक्ट्स पर रिसर्च कर देनी है रिपोर्ट

KANPUR: पुखरायां रेल हादसे में 150 लोगों की मौत के बाद रेलवे की तकनीक पर फिर से सवाल उठने लगे हैं। यात्रियों को सुरक्षित और आरामदायक सफर के लिए तमाम दावे करने वाला रेलवे वाकई इसे लेकर कितना गंभीर है, इसकी भी पोल खुलने लगी है। इसका प्रत्यक्ष प्रमाण है टेक्नोलॉजी मिशन ऑफ इंडियन रेलवे(टीएमआईआर)। रेल मिनिस्ट्री ने साल 2015 में इसका गठन रेलवे को लेटेस्ट टेक्नोलॉजी से लैस करने के लिए किया था। रेल बजट में इसके लिए 300 करोड़ का बजट भी रखा गया लेकिन आज तक एक रुपया भी इस मद में रिलीज नहीं किया गया। इस हाल में रेलवे टेक्नोलॉजी कैसे डेवलप होगी।

एक कदम भी नहीं बढ़ाया

टेक्नोलॉजी मिशन ऑफ इंडियन रेलवे का गठन जिस मकसद को लेकर किया गया था, उसमें वह अभी तक एक भी कदम नहीं चल सका है। टीएमआईआर को इन विषयों पर शोध करना था, जैसे ट्रेनों की स्पीड कैसे सुधारी जाए। ट्रैक को और कैसे मॉडीफाई किया ताकि हादसे की संभावना कम से कम हो। रेलवे सूत्रों का कहना है कि टीएमआईआर के गठन का मकसद तो अच्छा था लेकिन हकीकत यह है कि आज तक किसी भी प्रोजेक्ट पर काम शुरू नहीं हो सका। जबकि दो दर्जन से ज्यादा रिसर्च प्रोजेक्ट टीएमआईआर के समक्ष सबमिट किए गए हैं। टीएमआईआर को पूरी फ्रीडम है कि वह रेलवे के लिए रिसर्च करके न्यू टेक्नोलॉजी डेवलप करे। टेक्नोलॉजी ऐसी हो जिससे आम पैसेंजर्स के साथ साथ रेलवे को फायदा मिले।

टीम में शामिल हैं ये दिग्गज

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार टीएमआईआर को नीति आयोग के साथ कदम से कदम मिलाकर चलना है। टीएमआईआर में रेलवे के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर लेवल के ऑफिसर्स को रखा गया है जो कि प्रोजेक्ट पर बारीकी से नजर रखेंगे। टीएमआईआर का चेयरमैन आईआईटी कानपुर के मैकेनिकल इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट के सीनियर प्रोफेसर व राजस्थान टेक्निकल यूनिवर्सिटी के पूर्व वाइस चांसलर प्रो डॉ। एनएस व्यास को बनाया गया था। इसके अलावा को-चेयरमैन नॉर्दन रेलवे के चीफ इंजीनियर आलोक कुमार को बनाया गया है। रेलवे के टॉप क्लास के ऑफिसर आलोक कुमार ने आरडीएसओ लखनऊ में रहते हुए रेलवे के कई अहम प्रोजेक्ट पर शानदार वर्क कर अपनी काबिलियत साबित की है।