-सहायक निदेशक की जांच में हुआ खुलासा, बीएसए को इन पर कार्रवाई करने दिया आदेश

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KANPUR:

एटा में हुए दर्दनाक हादसे में 12 मासूम बच्चों की मौत हो गई। हादसे के बाद जब स्कूल के बारे में पड़ताल की गई तो मालूम चला कि वो स्कूल बिना मान्यता के चल रहा था। ऐसे में एक बार फिर बिना मान्यता के चल रहे स्कूलों पर बड़ा सवाल खड़ा हो गया है? आई नेक्स्ट ने पड़ताल की तो चौंकाने वाली एक जांच रिपोर्ट हाथ लग गई, जिसमें साफतौर पर लिखा है कि कानपुर में करीब 300 स्कूल ऐसे हैं जोकि बिना मान्यता के चल रहे हैं। ये जांच सहायक निदेशक बेसिक शिक्षा ने की है। इसके बाद उन्होंने बीएसए को इनके खिलाफ कार्रवाई का आदेश दिया।

तो फिर कौन होगा जिम्मेदार?

एडी बेसिक फतेहबहादुर सिंह के नेतृत्व में एक उच्च स्तरीय कमेटी ने कानपुर में चल रहे स्कूलों के कागजों की कई स्तर पर जांच कराई। बिंदुवार जांच कराने के बाद खुलासा हुआ कि कानपुर के शहर और ग्रामीण क्षेत्रों में करीब 300 से ज्यादा ऐसे स्कूल चल रहे हैं जोकि फर्जी हैं। जिसके बाद अधिकारियों के हाथ पांव फूल गए। अगर इन स्कूलों में कोई घटना होती है तो उसका जिम्मेदार कौन होगा? ऐसे में आनन-फानन में रिपोर्ट तैयार की गई और बीएसए को प्रेषित कर स्कूलों के खिलाफ कानूनी और विभागीय कार्रवाई करने का आदेश दिया। सवाल ये भी है कि ये स्कूल धड़ल्ले से कई सालों से चल रहे हैं और इसके बावजूद इनके खिलाफ शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने कभी कोई एक्शन क्यों नहीं लिया।

करीब 10 साल से चल रहे हैं

अपनी रिपोर्ट में एडी बेसिक ने साफतौर पर लिखा है कि ये स्कूल करीब 10 सालों से ज्यादा समय से चल रहे हैं। अपने यहां बच्चों का एडमिशन लेते हैं और दूसरे स्कूलों की मार्कशीट बनाकर उनको दे देते हैं जोकि गैरकानूनी है। उन्होंने रिपोर्ट में ये भी पूछा है कि कैसे अंधेरगर्दी हो रही थी और जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी के यहां से इस पर कार्रवाई क्यों नहीं हुई? इन स्कूलों में बच्चों को पढ़ा रहे टीचर भी बिना अर्हता के हैं? ऐसे ही कई सवाल जांच रिपोर्ट में उठाए गए हैं।

'कानपुर में करीब 300 से ज्यादा बिना मान्यता के विद्यालय चल रहे हैं। जांच में इसका खुलासा हुआ है। बीएसए को लेटर लिखकर इनके खिलाफ कार्रवाई करने के आदेश दे दिए हैं.'

-डॉ। फतेहबहादुर सिंह, सहायक निदेशक बेसिक शिक्षा, कानपुर मण्डल