RANCHI: कथित रूप से शेल कंपनियां(कागजों पर बनी कंपनियां, जो आधिकारिक रूप से कारोबार नहीं करतीं)बनाकर ब्लैक मनी का वारा न्यारा करने वाली कंपनियों के मालिकों के ऊपर इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की कड़ी नजर है। आईटी डिपार्टमेंट ने ऐसी लगभग 3500 कंपनियों को आइडेंटिफाई किया है। प्रिंसिपल चीफ इनकम टैक्स कमिश्नर केसी घुमरिया (बिहार- झारखंड)ने बताया कि ऐसी कंपनियों में कम से कम दस लाख रुपए से लेकर 50 करोड़ तक का दो नंबर का पैसा कथित रूप से निवेश किया गया है। घुमरिया ने बताया कि जिन कंपनियों के जवाब संतोषप्रद पाए जाएंगे, उनकी फाइलें बंद होंगी। बाकी पर शिकंजा कसना तय है।

1000 करोड़ से ज्यादा ब्लैकमनी

इनके पास 1000 करोड़ से भी अधिक दो नंबर का पैसा जमा किया गया है। ऐसी कंपनियों को डिपार्टमेंट की तरफ से नोटिस भेजा जा रहा है। श्री घुमरिया ने गुरुवार को बताया कि साढ़े तीन हजार कंपनियों में से लगभग 25 प्रतिशत कंपनियों ने ही आईटी डिपार्टमेंट के नोटिस का जवाब भेजा है, जिसे स्टडी किया जा रहा है।

कंपनियां ऐसे कर रहीं काम

उन्होंने बताया कि झारखंड की अग्रणी कोयला कंपनियां सीसीएल व बीसीसीएल की आड़ में सैकड़ों कंपनियां कोयले की कालाबाजारी में लिप्त हैं। सरकार की स्कीम का गलत उपयोग कर रही हैं। उन्होंने बताया कि वो कम्पनियां सस्ते दामों में इन सरकारी एजेंसी से कोयला खरीदती हैं, फिर उत्तर प्रदेश और अन्य इलाकों में बाजार दर या उससे ऊंचे दर पर कोयला बेच देती हैं। जबकि इन कंपनियों द्वारा निजी उपयोग के लिए खरीदे जाने वाले कोयले के एवज में फॉर्म 27(सी)भरा जाता है।

सीसीएल व बीसीसीएल पर पेनाल्टी

सीसीएल और बीसीसीएल द्वारा फॉर्म का ठीक से स्टडी नहीं करने की वजह से यह कंपनियां कोयले के स्कैम में लिप्त हो रही हैं। इस वजह से आईटी डिपार्टमेंट ने सीसीएल से 106 करोड़ रुपए और बीसीसीएल से 20 करोड रुपए पेनाल्टी वसूली है। उन्होंने कहा कि समय रहते अगर इन कंपनियों ने टैक्स नहीं भरा तो इनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

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इन पर भी होगी कार्रवाई

पिछले दिनों विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक करने और इनकम टैक्स अवेयरनेस प्रोग्राम में शामिल होने रांची पहुंचे घुमरिया ने बताया कि बिहार और झारखंड में करीब 400 लोगों की लिस्ट बनाई गई है। ये ऐसे लोग हैं जिन्होंने एग्रीकल्चर इनकम 5 लाख रुपए से ऊपर बताया है। जांच के दौरान यह पाया गया कि यह डेटा बोगस है। ऐसे लोगों को भी नोटिस भेजा गया।

बढ़े हैं इनकम टैक्स पेयर

उन्होंने बताया कि बिहार और झारखंड में इनकम टैक्स पेयर का दायरा बढ़ा है। इस वित्तीय वर्ष में अब तक 300 करोड़ रुपए इनकम टैक्स जमा किया गया है, जबकि पिछले साल महज 184 करोड़ ही जमा किया गया था। वहीं, कारपोरेट टैक्स महज 815 करोड़ रुपए जमा किया गया है।

डिमॉनीटाइजेशन के वक्त 10 हजार लोग नपे

उन्होंने बताया कि डिमॉनीटाईजेशन के दौरान दस हजार ऐसे लोगों का पता चला है, जिन्होंने बैंक खातों में दस लाख से अधिक पैसे जमा कराए हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे लोगों के खिलाफ सेक्शन 141(2) के तहत नोटिस जारी किया गया है।