RANCHI : अगर आपको कास्ट अथवा रेसिडेंशियल सर्टिफिकेट बनवाना है तो आपकी एडि़यां घिस जाएंगी, पर समय पर यह आपको नहीं मिलेगा। प्रज्ञा केंद्रों व संबंधित दफ्तरों में आवेदनों के निपटारे की गति काफी धीमी है। इसकी वजह सर्वर का स्लो होना है। ऐसे में हर दिन जितने आवेदन आ रहे हैं, उससे काफी कम सर्टिफिकेट ही निर्गत किए जा रहे हैं, जिस कारण लंबित आवेदनों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। आज हालात यह है कि झारखंड में कास्ट, इन्कम व रेसिडेंशियल सर्टिफिकेट के लिए लंबित आवेदनों की संख्या चार लाख 15 हजार 916 तक पहुंच चुकी है। यह डाटा एक जून 2017 से 17 जुलाई 2017 तक का है। सिर्फ रांची जिले में ही करीब 90 हजार आवेदन लंबित हैं।

सीओ-एसडीओ ऑफिस की दौड़

सर्वर के जाल में राज्य के हजारों छात्रों व प्रतियोगिता परीक्षाओं के अभ्यर्थियों का भविष्य फं सा हुआ है। कास्ट, इनकम और रेसिडेंशियल सर्टिफिकेट बनाने में आ रही समस्या के कारण ऐसा हो रहा है। ऑनलाइन आवेदन करने व ऑनलाइन प्रमाण पत्र जांच व प्रमाण पत्र हासिल करने की सुविधा ही छात्रों व आवेदकों के लिए जी का जंजाल बनी हुई है। एक से छह माह में भी जाति और आवासीय प्रमाण पत्र बन नहीं पा रहे हैं। जिन्होंने प्रज्ञा केंद्र में आवेदन जमा किया था, वे अब कर्मचारी, सीओ व एसडीओ कार्यालय का चक्कर लगा रहे हैं।

आवेदन कर देते रिजेक्ट, नहीं बताते वजह

धुर्वा के रवि मुंडा ने अप्रेल महीने में ही आवासीय के लिए आवेदन दिया था, बहुत दौड़ने के बाद उनको पता चला कि उनका एप्लीकेशन रिजेक्ट हो गया है। किस कारण से हुआ है कोई बताने को तैयार नही है।

खामियां बता रोके रखते हैं आवेदन (बॉक्स)

जहां एक ओर सर्वर में तकनीकी समस्या आ रही है, दूसरी ओर कर्मचारी छोटी-छोटी त्रुटि बताकर आवेदन लटका दे रहे हैं। कई ऐसे मामले आए हैं, जिनमें राजस्व कर्मचारी कार्यालय से खतियान,डीड की कॉपी सही से नहीं देखने पर आवेदन को रोका गया।

कई पदों पर बहाली की चल रही प्रक्रिया (बॉक्स)

जेएसएससी की ओर से इंटरमीडिएट लेवल के पदों पर बहाली के लिए अभ्यर्थियों से आवेदन मांगे गए हैं। आवेदन करने की तिथि तीन बार बढ़ाई जा चुकी है, क्योंकि तीन महीने पहले कास्ट व रेसिडेंशियल के लिए आवेदन देने वालों को अभी तक प्रमाण पत्र नहीं मिला है। अब दरोगा बहाली का आवेदन भी आ गया है। इसमें भी आवासीय प्रमाण पत्र की जरूरत है। अभी पहले वाली परेशानी खत्म नहीं हुई दूसरी शुरू हो गई। उल्लेखनीय है कि वर्तमान में वेकेंसी आई है उसमें जाति, आवासीय व आय प्रमाण पत्र की आवश्यकता है। इसके अलावा राज्य सरकार के अधीन कई कार्यालयों में रोजगार के लिए आवेदन निकाला गया है। इन सभी की अंतिम तिथि नजदीक आ गई हैए परंतु कई माह बीतने के बाद भी प्रमाण पत्र नहीं बन रहे हैं।

सर्वर स्लो चलने की ये हैं वजहें

ऑनलाइन सर्टिफिकेट बनाने के लिए जो एप्लीकेशन सर्वर में डाला गया है, वह धीरे चलता है। इस कारण फ ाइल अटैच नहीं होता है। इसका सर्वर दिल्ली में है। झारखंड में इसी सेवा का प्रयोग झारसेवा एप्लीकेशन के रूप प्रयोग हो रहा है। यह सेवा नौ जनवरी 2017 से झारखंड में चालू हुई। पहले टाटा कंसलटेंट सर्विस द्वारा ई-डिस्ट्रिक के रूप में सेवा दी जा रही थी, लेकिन इस साल से हीं एनआइसी को कार्य सौंप दिया गया। इसके बाद से देर से प्रमाण पत्र बनने का सिलसिला शुरु हुआ है।