छ्वन्रूस्॥श्वष्ठक्कक्त्र: टाटा कमिंस कर्मचारी यूनियन चुनाव में सोमवार को तीन प्रत्याशियों के नाम वापस लेने के बाद चुनाव मैदान में 50 उम्मीदवार शेष रह गए। एक उम्मीदवार अजीत कुमार सिंह निर्विरोध निर्वाचित होंगे। कुल 54 नामांकन पत्रों में से चार प्रत्याशी बाहर हो गए। नामांकन वापस लेने वालों में यूनियन के पूर्व महामंत्री सुशील श्रीवास्तव, पूर्व कमेटी मेंबर जयपाल और प्रियरंजन शामिल है। तीनों प्रत्याशियों ने एटीपी निर्वाचन क्षेत्र से नामांकन दाखिल किया था। सोमवार को दोपहर 3 बजे तक नाम लेने का समय निर्धारित था जिसके बाद निर्वाचन पदाधिकारी सह इंटक नेता महेंद्र कुमार विश्वकर्मा व वरुण कु मार सिंह ने ऑफ्टर मार्केट से एक मात्र नामांकन दाखिल होने से निर्वतमान कमेटी मेंबर अजीत सिंह निर्विरोध निर्वाचित कर दिया। नामांकन वापसी और एक सीट पर निर्विरोध प्रत्याशी के चुनाव जीतने से अब यूनियन के 19 सीट के बजाय 18 कमेटी मेंबर पद पर खड़े 50 प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला 18 अप्रैल को 805 वोटर तय करेंगे। 18 अप्रैल सुबह 9 बजे से शाम 4 बजे तक चुनाव कंपनी परिसर में होगा। उसी दिन शाम 5 बजे से मतगणना और चुनाव परिणाम घोषित किये जायेंगे।

एटीपी विभाग में 14 प्रत्याशी

तीन उम्मीदवारों के नामांकन वापसी के बाद एटीपी विभाग में अब 14 प्रत्याशी चुनाव मैदान में शेष रह गए। यहां 17 प्रत्याशियों ने नामांकन पत्र दाखिल किया था। एटीपी विभाग में कमेटी मेंबर का कुल पांच पद है।

सीट निर्धारण में धांधली : सुशील

यूनियन के पूर्व महामंत्री सुशील श्रीवास्तव ने कहा है कि सीट निर्धारण में धांधली हुई है। ठीक चुनाव केपूर्व सीट का एकतरफ ा निर्धारण किया गया। ऑफ्टर सीट में सबसे कम मतदाता थे लेकिन उसके बजाय ऑफि स एरिया सीट को साजिश के तहत एटीपी में मर्ज किया गया जहां सबसे ज्यादा वोटर हैं। जिसके कारण उन्होंने चुनाव से नामांकन वापस लेने का निर्णय लिया। यूनियन के पूर्व महामंत्री सुशील श्रीवास्तव ऑफि स एरिया सीट से पिछले चार चुनाव में निर्विरोध निर्वाचित हुए थे। 2005 से 2015 तक वे लगातार वे यूनियन के पदाधिकारी चुने गये। पहली बार 2005 में वे यूनियन के सहायक सचिव बने 2008 से लेकर 2015 तक दो बार लगातार यूनियन के महामंत्री चुने गये थे।

नहीं चलेगी तानाशाही : चंद्रमौली

चंद्रमौली मिश्रा ने यूनियन की वर्तमान कमेटी पर तानाशाही रवैये से संगठन चलाने का आरोप लगाया हैं। कहा कि उन्हें नामांकन पत्र नहीं देकर यूनियन ने बड़ी भूल की हैं। मजदूरों के आग्रह पर वे चुनाव लड़ने को तैयार हुए थे लेकिन उनके साथ अन्याय हुआ। मजदूरों की भावनाओं के साथ खिलवाड़ किया गया है जिसका खामियाजा अरुण एंड टीम को चुनाव में भुगतना पड़ेगा।

चंद्रमौली के समर्थन में मुन्ना

टाटा कमिंस अस्थायी कर्मियों के नेता रहे मुन्ना शंकर पांडेय यूनियन नेता चंद्रमौली मिश्रा का समर्थन कर रहे हैं। कर्मचारी हित में आगे आने की वजह से ही मुन्ना पांडेय आज कंपनी से बाहर हैं। इन्होंने अस्थायी कर्मियों को परमानेंट कराने की लड़ाई लड़ी थी। प्रबंधन ने 27 अप्रैल 2015 को बर्खास्त किया था। मुन्ना ने चंद्रमौली समर्थको को चुनाव में जिताने की अपील की हैं।