HARIDWAR: एसआईटी की जांच में फर्जी शिक्षकों की परतें लगातार खुलती जा रही है। जांच में हरिद्वार में भ्0 और प्राथमिक शिक्षकों के फर्जी प्रमाण पत्रों और दस्तावेजों के जरिये नौकरी पाने की बात सामने आई है। एसआइटी टीम के निरीक्षक ने जब शिक्षा विभाग के अधिकारियों से शिक्षकों के दस्तावेज मांग कर जांच शुरू की तो दस से क्ख् बताई जा रही इन शिक्षकों की संख्या पचास तक पहुंच गई। जांच लिस्ट में नाम आने पर ऐसे शिक्षक स्कूल छोड़कर भाग गए हैं।

 

फर्जी शिक्षकों की चल रही जांच

एसआईटी ने भ्0 ऐसे शिक्षकों की लिस्ट तैयार कर शिक्षा विभाग को भेजी है, जिनके दस्तावेज फर्जी हैं। लिस्ट के अनुसार किसी शिक्षक की बीएड की डिग्री फर्जी है तो किसी के शैक्षिक दस्तावेज और नियुक्ति पत्र फर्जी हैं। कई शिक्षकों के जाति और निवास प्रमाणपत्र भी फर्जी हैं। एसआईटी की निशानदेही पर शिक्षा विभाग ने खंड शिक्षा अधिकारियों को ऐसे शिक्षकों के नाम भेजकर उनके दस्तावेज कब्जे में लेकर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। अधिकांश शिक्षकों की नियुक्ति वर्ष ख्000 से पहले की है।

 

क्ख् शिक्षक पहले की कर दिए बर्खास्त

शिक्षा विभाग ने बीटीसी की मार्कशीट और मूल निवास प्रमाणपत्र फर्जी पाए जाने पर अप्रैल में क्ख् शिक्षकों को बर्खास्त कर दिया था। इसके अलावा, बार-बार मांगने पर भी अपने सर्टिफिकेट नहीं देने वाले आठ शिक्षकों को निलंबित कर दिया गया था, जबकि एक शिक्षक की वीआरएस निरस्त की गई है। फर्जी प्रमाण पत्रों पर नियुक्ति पाने वाले इन शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई करने पर तत्कालीन डीइओ बेसिक रामेंद्र कुशवाहा का तबादला कराकर जांच को दबाने की कोशिश हुई। मगर अब विशेष जांच टीम के हरकत में आते ही फिर कार्रवाई की तलवार लटक गई। एसआईटी की नई सूची की जांच स्वयं जिला शिक्षा अधिकारी बेसिक ब्रह्मपाल सैनी कर रहे हैं।

 

बहादराबाद में सबसे अधिक फर्जी शिक्षक

ब्लाक बहादराबाद में सबसे अधिक फर्जी शिक्षक हैं। सूची के अनुसार आरोपी शिक्षकों की बीएड डिग्री, निवास, जाति के साथ नियुक्ति पत्र तक फर्जी होने का मामला सामने आया है। बहादराबाद विकास खंड के ऐसे दस शिक्षकों का वेतन रोक दिया गया है, जिन्होंने जांच के लिए प्रमाणपत्र नहीं दिखाया।

 

दून में मिले चार फर्जी शिक्षक

दून के एक अशासकीय स्कूल में चार मुन्ना भाई शिक्षक बने हुए हैं। इसका खुलासा एसआईटी की जांच में हुआ है। एसआईटी ने फर्जी डिग्री वाले चारों शिक्षकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने की संस्तुति शिक्षा निदेशक से की है।

 

अभी तक की जांच में कुछ शिक्षकों की डिग्री ऐसे विश्वविद्यालय की मिली हैं, जो वर्षो पूर्व बंद हो गए। इन विश्वविद्यालयों को यूजीसी और एनसीटीई ने मान्यता नहीं दी थी। दून के चार शिक्षकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने की संस्तुति की गई है। बाकी की जांच जारी है।

-श्वेता चौबे, एएसपी विजिलेंस