आधार नहीं होने या बैंक से लिंक नहीं होने के कारण 50 हजार किसान पहली सूची से हुए बाहर

आधार कार्ड बनाने में रुचि नहीं ले रही एजेंसियां, तीन दिन के कैंप में नहीं पहुंचे किसान

ALLAHABAD: जिले के हजारों किसानों की कर्ज माफी के आगे आधार कार्ड की समस्या रोड़ा बनकर खड़ी हो गई है। अभी तक उनका आधार सीडिंग नहीं होने से संकट खड़ा हो सकता है। यहां तक प्रशासन द्वारा जिन एजेंसियों को किसानों का आधार बनाने का जिम्मा सौंपा गया है, वे भी अधिक रुचि नहीं ले रही हैं।

वेटिंग में हैं पचास हजार किसान

जिले में 80 हजार किसानों ने एक लाख रुपए तक के फसली ऋण माफी का दावा किया है। इनमें से तीस हजार को पहले चरण में शामिल किया गया है। इनकी स्क्रूटनी चल रही है। यह सभी वे किसान हैं जिनकी आधार सीडिंग हो चुकी है। जबकि अभी पचास हजार किसान बाकी है। उनका आधार नंबर बैंक खाते से लिंक नहीं होने के चलते पहले चरण में शामिल नहीं किया गया है।

इतनी आसानी से नहीं होगी सीडिंग

कृषि विभाग के सूत्रों का भी मानना है कि किसानों की आधार सीडिंग इतनी आसानी से नहीं होगी। भले ही तीन दिन का कैंप लगाकर किसानों को आधार बनवाने को कहा गया था। लेकिन प्रचार प्रसार नहीं होने से वे कैंप तक पहुंचे ही नहीं। उनका कहना है कि लंबे समय तक गांव-गांव में जाकर किसानों को जागरुक करना होगा। तभी उनकी शत-प्रतिशत आधार सीडिंग हो सकेगी। यह बात खुद एजेंसियों को भी समझनी होगी।

आउटलेट पर नहीं बन रहा आधार

किसानों का आधार जन सुविधा केंद्रों पर फिलहाल नहीं बन रहा है। सरकार ने तमाम आउटलेट पर आधार नामांकन का ऑप्शन खत्म कर दिया है। इसके लिए विभिन्न एजेंसियों को अधिकृत किया गया है। ऐसे में किसानों को समझ नहीं आ रहा कि कहां जाकर अपना आधार बनवाएं। बता दें कि फसली ऋण माफी योजना के तहत एक लाख रुपए तक के किसानों के लोन को माफ किया जाना है। लाभार्थियों के सत्यापन के लिए सरकार कई चरणों में जांच कर रही है। ऐसे में आधार सीडिंग नहीं होने पर किसानों को सूची से बाहर भी किया जा सकता है।