RANCHI: तीन विषयों में सब्जेक्ट कॉम्बीनेशन लगाए जाने के कारण क्8 विषयों के भ्0 हजार स्टूडेंट्स प्रभावित हो रहे हैं। नतीजन, कंबाइंड ग्रेजुएट लेवल हाई स्कूल टीचर रिक्रूमेंट में छात्रों का विरोध लगातार जारी है। झारखंड में अब तक दो बार हाई स्कूल शिक्षक नियुक्ति परीक्षा ली जा चुकी है। लेकिन सब्जेक्ट कॉम्बीनेशन की समस्या पहली बार उत्पन्न हुई है। पिछली बार सभी छात्रों ने हाई स्कूल की परीक्षा दी थी, लेकिन इस बार वैसे छात्र कॉम्बीनेशन के बैरियर की वजह से फॉर्म भरने से वंचित हो रहे हैं। इससे छात्रों में भारी आक्रोश है। कई छात्र संगठनों ने हाईकोर्ट की शरण में जाने का भी मन बनाया है। ऐसे में हाई स्कूल शिक्षक नियुक्ति परीक्षा पूरी होने से पहले ही विवादों के घेरे में आ गई है।

यूनिवर्सिटी में सब्जेक्ट की बाध्यता नहीं

छात्र नेता मनोज यादव ने कहा कि झारखंड की यूनिवर्सिटीज में संचालित कोर्स में ऑनर्स पेपर के साथ कोई भी विषय रख सकता है। लेकिन हाई स्कूल भर्ती परीक्षा में इस तरह से सब्जेक्ट कॉम्बीनेशन का बैरियर लगाकर बाहर करने की साजिश रची जा रही है। सब्जेक्ट कॉम्बीनेशन और एक राज्य में दो तरह की स्थानीय नीति के विरोध में अभ्यर्थियों ने सोमवार को राजभवन मार्च किया। छात्र नेता मनोज यादव और धीरेंद्र मिश्रा के नेतृत्व में छात्रों ने प्रदर्शन किया और राज्यपाल के नाम ज्ञापन भी सौंपा। मोरहाबादी मैदान से छात्र राजभवन घेराव के लिए निकले थे।

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सब्जेक्ट कॉम्बिनेशन का बैरियर

कंबाइंड ग्रेजुएट लेवल हाई स्कूल टीचर्स रिक्रूटमेंट की नई नियमावली में हिस्ट्री के साथ पॉलिटिकल साइंस, केमिस्ट्री के साथ बायोलॉजी व फिजिक्स के साथ मैथ्स को अनिवार्य किया गया है। सब्जेक्ट कॉम्बीनेशन के इस बैरियर के कारण झारखंड के हजारों छात्र फॉर्म भरने से वंचित हो रहे हैं। वहीं, कई छात्रों के पास सब्जेक्ट कॉम्बीनेशन के हिसाब से मा‌र्क्स तो हैं, लेकिन उनका फॉर्म एक्सेप्ट नहीं हो रहा है। अल्फा बीटा के संचालक धीरेंद्र मिश्रा का कहना है कि झारखंड में दो बार हाई स्कूल के शिक्षक नियुक्त किए गए, लेकिन सब्जेक्ट कॉम्बीनेशन की बाध्यता पहली बार उत्पन्न हुई है।

इनमें सब्जेक्ट कॉम्बीनेशन

हिस्ट्री-पॉलिटिकल, मैथ्स-फिजिक्स, केमिस्ट्री-बायोलॉजी के कॉम्बीनेशन से केमिस्ट्री के साथ बॉटनी-जियोलॉजी, मैथ्स के साथ केमिस्ट्री-जियोलॉजी, फिजिक्स के साथ केमिस्ट्री-जियोलॉजी, बॉटनी के साथ केमिस्ट्री-जियोलॉजी, जूलॉजी के साथ केमिस्ट्री-जियोलॉजी, बीसीए के साथ फिजिक्स-केमिस्ट्री, बीसीए के साथ केमिस्ट्री-मैथ्स, मैथ्स के साथ दो आ‌र्ट्स सब्जेक्ट, हिस्ट्री के साथ दो अन्य आ‌र्ट्स के सब्जेक्ट के छात्र फॉर्म भरने से वंचित हो जा रहे हैं।

इनके लिए सब्जेक्ट कॉम्बीनेशन नहीं

हिन्दी, अंग्रेजी, उडि़या, बांग्ला, भूगोल, अर्थशास्त्र, गृह विज्ञान, वाणिज्य, नागपुरिया, पंचपरगनिया, कुरमाली, मुंडारी, कुडु़ख, उरांव, खडि़या, हो, कृषि, संथाली, खोरठा, समाज विज्ञान, संस्कृत, उर्दू, फारसी, अरबी में सब्जेक्ट कॉम्बीनेशन नहीं है। इन विषय के छात्रों का सिर्फ एक ही पेपर की पढ़ाई के बाद सेलेक्शन हो जाएगा।

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स्थानीयता का मामला भी

झारखंड स्टाफ सेलेक्शन कमीशन(जेएसएससी) की ओर से कंबाइंड हाई स्कूल शिक्षक नियुक्ति प्रॉसेस चल रहा है। राज्य भर के हाई स्कूलों में क्78भ्ख् पदों के लिए आवेदन मांगे गए हैं। इस भर्ती प्रक्रिया को जिला स्तरीय कर दिया गया है। साथ ही क्फ् अनुसूचित जिलों में सिर्फ उसी जिले के अभ्यर्थी परीक्षा फॉर्म भर पाएंगे। बाकी क्क् जिलों में देश भर के अभ्यर्थी अपनी दावेदारी पेश कर सकते हैं। इससे क्क् गैर अनुसूचित जिलों में कंपीटिशन सबसे अधिक टफ होगा। इधर, क्फ् अनुसूचित जिलों के 8 जिलों गुमला, सिमडेगा, लोहरदगा, पश्चिमी सिंहभूम, लातेहार, दुमका और खूंटी जिले में ओबीसी कैटेगरी के अभ्यर्थियों के लिए एक भी सीटें नहीं है। इससे अनुसूचित जिलों के अभ्यर्थी गैर अनुसूचित जिलों में फॉर्म जमा करेंगे, जिससे इन जिलों में दावेदारी बढ़ेगी और कंपीटिशन प्रॉसेस टफ हो जाएगा। क्फ् अनुसूचित जिलों के अभ्यर्थी चाहकर भी अपने नजदीकी या दूसरे अधिसूचित जिलों में फॉर्म जमा नहीं कर पाएंगे। उन्हें फिर गैर अनुसूचित वाले क्क् जिलों में फॉर्म फिलअप करना होगा।

अनुसूचित जिले: रांची, खूंटी, गुमला, सिमडेगा, लोहरदगा, लातेहार, दुमका, पाकुड़, पूर्वी सिंहभूम, पश्चिमी सिंहभूम, सरायकेला-खरसावां, जामताड़ा, साहेबगंज

गैर अनुसूचित जिले: धनबाद, कोडरमा, पलामू, गढ़वा, बोकारो, गोड्डा, हजारीबाग, देवघर, गिरिडीह, रामगढ़, चतरा