लखनऊ के औरंगाबाद खालसा मारा गया, उठे सवाल

-शनिवार सुबह जाल के चक्रव्यूह को काट कर गांव में घुसा

- तेंदुए को एक मकान के किचन में किया बंद, मारी गोली

LUCKNOW:

स्थान-औरंगाबाद, समय- करीब सुबह 5 बजे

आगे-आगे तेंदुआ, उसके पीछे पुलिस और शोर मचाती भीड़, भीड़ में मौजूद लोग हाथों में बल्लम, लाठी, लोहे की रॉड और असलहे लहरा रहे थे। इस दौरान भीड़ से फायरिंग की भी आवाज आ रही थी। फायरिंग और चीख-पुकार से पूरा इलाका थर्रा रहा था। डरे, सहमे बच्चे और बड़े घरों की खिड़की से दहशत में बाहर झांक रहे थे। इस बीच भीड़ से अचानक तेंदुए के मरने की खबर आई। इसके बाद इलाके में लोगों का जमावड़ा जुटना शुरू हो गया। दो दिनों से इलाके में आतंक का सबब बने तेंदुए के मरने की खबर सुनकर लोगों ने राहत की सांस ली। वहीं सूचना पर पहुंची वन विभाग की टीम ने तेंदुए के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। करीब 52 घंटे से अधिक समय तक लखनऊ के औरंगाबाद खालसा इलाके में तेंदुआ का एनकाउंटर होते ही इस एनकाउंटर पर गंभीर सवाल भी उठने लगे। प्रमुख वन संरक्षक वन्यजीव ने बेजुबान की हत्या करने वालों पर मुकदमा दर्ज करवाने की बात कह खुद की पीठ ठोंक रही पुलिस को बैकफुट पर ला दिया।

भीड़ ने की ताबड़तोड़ फायरिंग

पिछले दो दिनों से औरंगाबाद स्थित खाली मैदान में जाल लगाकर तेंदुए को रोक कर रखा गया था, लेकिन शनिवार की सुबह लगभग पांच बजे वह जाल से निकल कर सीधे औरंगाबाद गांव में जा घुसा। इस दौरान पब्लिक ने उसे देख लिया और उसके पीछे भागने लगी। भीड़ को भागते देख पुलिस के जवान भी दौड़ पड़े। रास्ते में तेंदुए ने मुन्ना नामक व्यक्ति को घायल कर दिया। इस भाग दौड़ के दौरान तेंदुए पर फायर भी झोंके गए। फायरिंग और शोर की आवाज सुनकर सहमा तेंदुआ शहजान खान के घर में पहुंच गया, जहां बोर्ड का पेपर देने जा रहे रजी को उसने घायल कर दिया। उसके बाद तो इलाके में चीख पुकार मच गई। लोग अपने घरों की छतों पर जमा हो गये। थोड़ी देर बाद तेंदुआ शहजान के घर से निकल कर कुरैश खान के घर जा पहुंचा। वह पहले उनके बेडरूम में घुसा। यहीं पर तेंदुए ने एसएचओ त्रिलोकी सिंह पर हमला बोल दिया। भागने की कोशिश में तेंदुआ इसी घर के किचन में जा घुसा। मौजूद भीड़ ने तेंदुए पर ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी। वहीं पुलिस ने जू के अधिकारियों को तेंदुए के घायल होने की खबर कर दी, लेकिन जब टीम मौके पर पहुंची तो तेंदुआ मृत मिला।

दो दिन से इलाके में दहशत का माहौल

बीते 15 फरवरी को सुबह सात बजे औरंगाबाद खालसा में सरसों के एक खेत में तेंदुआ देखे जाने की पुष्टि हुई थी। तेंदुए की सूचना मिलते ही वन विभाग और नवाब वाजिद अली शाह प्राणि उद्यान की टीम रेस्क्यू करने के लिए मौके पर पहुंच गई। तब तक मौके पर मौजूद गांव के लोगों ने तेंदुए को पत्थर मारने शुरू किए तो वह वहां से भागकर क्षेत्र में एक खाली प्लाट में पड़े सीवर के पाइपों के बीच जा घुसा। ऐसे में वन विभाग की टीम ने इसे यहां पर रोके रखने के लिए इसे जाल से कवर कर दिया। जाल के दो घेरे बनाए गए थे। एक आठ फीट ऊंचा तो दूसरा 20 फिट ऊंचाई। वन विभाग की योजना था कि पाइपों के बीच फंसा तेंदुआ भूख और प्यास से लड़कर यहां लगाए गए पिंजरे में पहुंच जाएगा, लेकिन औरंगाबाद खालसा के जिस इलाके में तेंदुआ सामने आया था, शानिवार सुबह वहां की तस्वीर बदली गई। क्षेत्र के लोगों का कहना था कि सुबह पांच बजे तेंदुआ जाल काट कर भाग गया ।

कोट

ना ही वह मैन ईटर था और ना नहीं क्षेत्र में उसने किसी को मौत के घाट उतारा। इस मामले में वन विभाग में अज्ञात के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जाएगी।

एस के उपाध्याय, प्रमुख वन संरक्षक वन्यजीव

उत्तर प्रदेश वन विभाग