- एलयू, नेशनल और आईटी में यूजी एडमिशन समाप्त

- शेष बड़े कॉलेजों में पहली ही मेरिट में भर जाएंगी आधी से ज्यादा सीटें

LUCKNOW: राजधानी में अंडर ग्रेजुएट कोर्सेस में एडमिशन का पहला दौर लगभग समाप्त होने को है और इनमें सरकारी कॉलेजों की 60 फीसदी सीटें भर गई हैं। लखनऊ यूनिवर्सिटी, नेशनल पीजी कॉलेज और आईटी ग‌र्ल्स कॉलेज में यूजी एडमिशन का दौर समाप्त हो चुका है। इसके बाद स्टूडेंट्स की पहली पसंद वाले कॉलेज जैसे केकेसी, केकेवी, शिया कॉलेज, नवयुग ग‌र्ल्स कॉलेज में यूजी एडमिशन का पहला चरण शुरू हो चुका है। मिनी यूनिवर्सिटी कहे जाने वाले केकेसी पीजी कॉलेज इस वीक अपना पहला कट ऑफ जारी करने जा रहा है। नवयुग कन्या और केकेवी डिग्री कॉलेज ने पहली मेरिट लिस्ट भी जारी कर दी हैं। महिला डिग्री कॉलेज, शिया डिग्री कॉलेज और कालीचरण डिग्री कॉलेज, डीएवी कॉलेज जैसे दूसरे सरकारी कॉलेजों में एडमिशन के लिए आवेदन का दौर अंतिम चरण में हैं। इन कॉलेजों में जुलाई के फ‌र्स्ट वीक आवेदन प्रक्रिया समाप्त हो रही हैं। ऐसे में जुलाई के फ‌र्स्ट वीक में यूजी की आधी से अधिक सीटें फुल हो जाएंगी।

तलाशने होंगे दूसरे विकल्प

जुलाई फ‌र्स्ट वीक में आधे से ज्यादा सीटें भर जाने पर छात्रों को दूसरे विकल्प तलाशने होंगे। यूजी कोर्सेस में लखनऊ यूनिवर्सिटी की करीब साढ़े तीन हजार से अधिक सीटें हैं, वहीं नेशनल और आईटी कॉलेज को मिलाकर यह आकड़ा करीब तीन हजार से आसपास पहुंच जाता है। इन सभी सीटों पर एडमिशन हो चुके हैं। वही केकेसी कॉलेज शनिवार को अपने पहले चरण की कट ऑफ मेरिट जारी करने जा रहा है। नवयुग और केकेवी कॉलेज की पहली कट ऑफ जारी कर काउंसिलिंग शुरू करा दी है। केकेवी में अभी तक बीएससी की करीब साढ़ चार सौ सीटों पर करीब पौने दो सौ से अधिक एडमिशन भी कर लिए हैं। माना जा रहा है कि शेष बचे सरकारी कॉलेज जैसे ही पहली मेरिट जारी करेंगे, इनकी भी 60 प्रतिशत से अधिक सीटें भर जाएंगी।

52 हजार सीटें, आवेदन करीब 90 हजार

एलयू व डिग्री कॉलेजों में एडमिशन के लिए यूजी की कुल 52 हजार से कुछ अधिक सीटें हैं। इन सीटों के मुकाबले अकेले राजधानी में ही 65 हजार से अधिक स्टूडेंट्स इंटरमीडिएट का एग्जाम पास हुए हैं। सीतापुर, उन्नाव, हरदोई, रायबरेली आदि से भी करीब 25 हजार स्टूडेंट्स एडमिशन के लिए राजधानी आते हैं। ऐसे में स्टूडेंट्स का आंकड़ा करीब 92 हजार के आसपास पहुंच जाता है। इंटर में 85 फीसदी से ज्यादा मा‌र्क्स पाने वालों की संख्या 18 हजार से ऊपर है। इन स्टूडेंट्स को पहले चरण के एडमिशन में ही सीटें मिला जानी है, जो करीब 45 प्रतिशत के आसपास है। बीए और इस जैसे दूसरे कोर्सेस में मेरिट का आकड़ा काफी कम होने से सीटें जल्दी भर जाएंगी। जिसे मिलाकर पहले ही चरण में राजधानी में यूजी की आधी से अधिक सीटें पर कुल आवेदन का एक तिहाई स्टूडेंट्स की एडमिशन ले पा रहा है।

इन कारणों से रहती है सरकारी कॉलेज पहली पसंद

1. निजी कॉलेजों की अपेक्षा फीस बेहद कम

2. सरकार की योजनाओं का लाभ जल्दी मिलना

3. सरकारी कॉलेजों में फैकेल्टी और दूसरी सुविधा बेहतर होना

4. सेल्फ फाइनेंस कॉलेजों की अपेक्षा इनकी डिमांड सबसे ज्यादा होना

5. पढ़ाई के दौरान किसी प्रकार की कोई प्रॉब्लम न होना, जो आमतौर पर सेल्फ फाइनेंस कॉलेजों में होता है

कोट

एलयू के एडमिशन प्रक्रिया में बदलाव होने के कारण इस बार कॉम्पटीशन काफी बढ़ा है। यह बात सही है कि सरकारी कॉलेजों की सीटें जल्दी भर जाएंगी। पहले ही आधे से अधिक सीटों पर एडमिशन हो जाएगा।

डॉ। एसडी शर्मा, प्राचार्य, केकेसी

अच्छे कॉलेजों की डिमांड हमेशा रहती है। खासकर सरकारी कॉलेजों की डिमांड हमेशा से रहती है। हमारी पहली कट ऑफ जारी हो चुकी है। पहले ही चरण में आधी सीटें भर जाएंगी।

प्रो। नीरजा गुप्ता, प्राचार्य, नवयुग कॉलेज