-दिल्ली से आई डॉक्टर समेत पैरामेडिकल स्टाफ ने किया ऑपरेशन

- अब अपने पैरों पर चल सकेंगे दिव्यांग

GORAKHPUR: जिला अस्पताल में विकलांग कल्याण विभाग की ओर से लगाए गए पोलियो करेक्टिव सर्जरी शिविर में शनिवार को 68 दिव्यांग बच्चों का ऑपरेशन किया गया। पहले दिन सैकड़ों दिव्यांगों ने परामर्श लिया था। सर्जरी से जिनका हाथ-पैर ठीक हो सकता है उन्हें शनिवार को डॉक्टर ने बुलाया था।

430 ने कराया था रजिस्ट्रेशन

जिला अस्पताल में लगे कैम्प में पहले दिन जिलेभर से 430 दिव्यांगों ने रजिस्ट्रेशन कराया था, जिसमें कुल 81 दिव्यांग के करेक्टिव सर्जरी के लिए चयनित किए गए थे। केंद्रीय समाज कल्याण मंत्रालय दिल्ली के आर्थो सर्जन डॉ। अरुण जैन और डॉ। विवेक मंगला समेत 11 लोगों की पैरामेडिकल टीम ने दिव्यागों की दोबारा जांच की। जांच के बाद हेल्थ टीम ने 13 दिव्यागों को वापस कर दिया। 68 की ही करेक्टिव सजर्1री हुई।

अधूरी तैयारियों में ऑपरेशन

जिला अस्पताल में सर्जरी के लिए लगाए गए कैम्प में जिला कल्याण विभाग की ओर से की गई तैयारियां पर्याप्त न होने से दिव्यांगों को परेशानी का सामना करना पड़ा। स्ट्रेचर तक की पर्याप्त व्यवस्था नहीं थी। एक स्ट्रेचर पर दो-दो दिव्यांगों को न्यू बिल्डिंग के तीसरे मंजिल पर ले जाया गया। करेक्टिव सर्जरी के बाद वार्ड में दिव्यांगों को शिफ्ट तो कर दिया गया लेकिन उसके बाद उनको कोई देखने वाला नहीं था। ऑपरेशन के बाद दर्जनों दिव्यांग दर्द से कराहते रहे।

टीके के बाद दिव्यांग हाे गया अर्जुन

जन्म के तीसरे साल अर्जुन के माता पिता उसे पोलियो का टीका लगवाने ले गए। वैक्सीन लगते ही उसके दोनों के पैर फुलने लगे। परिजनों ने बच्चे का कई हायर सेंटर्स के विशेषज्ञों से इलाज कराया, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। अब वह 16 वर्ष का हो गया है। वह कक्षा 6 में पढ़ता है। अपने पैर से बिल्कुल चल नही पाता है। पास के ही एक व्यक्ति ने बताया कि जिला अस्पताल में दिल्ली से डॉक्टर्स की टीम आई हैं। ऑपरेशन से वह ठीक हो सकता है। शनिवार सुबह ही करेक्टिव सर्जरी की गई है।

रीमा, अर्जुन की भाभी

कुलदीप का दूसरी बाहर हुआ ऑपरेशन

कुलदीप जन्म से ही दिव्यांग है। उसके दोनों पैर टेढ़े-मेढे हैं। पांच साल पहले जिला अस्पताल में लगे कैंप में उसका ऑपरेशन हुआ था। ऑपरेशन के बाद वह कुछ हद तक ठीक हुआ था। लेकिन पूरी तरह से अपने पैरों पर खड़ा नहीं हो पा रहा था। परिजनों को जैसे ही शिविर की जानकारी हुई। वे फौरन यहां पहुंच गए। शनिवार को दोबारा उसके दोनों पैरों का ऑपरेशन किया गया। इस बीच वह दर्द से परेशान रहा। वहीं उसकी तकलीफ को देखकर परिजन भी दिक्कत में रहे।

ओम प्रकाश यादव, कुलदीप के पिता

वर्जन

शिविर में दूसरे दिन 68 दिव्यांगों की सफल करेक्टिव सर्जरी की गई। इसके लिए वार्डो में समुचित व्यवस्था की गई है। इससे उन्हें किसी तरह की परेशानी न हो। शिविर काफी अच्छा रहा।

मधुरेंद्र कुमार पर्वत, जिला विकलांग कल्याण अधिकारी