RANCHI: अब हमलोग खुद एजेंट बन गए और लोगों से पैसे इन्वेस्ट करवाने लगे। जब तक हम लोगों को कंपनी की धोखाधड़ी का पता चला, तब तक कंपनी का डायरेक्टर करीब म्भ् लाख रुपए ऐंठ कर नौ दो ग्यारह हो गया। यह कहना है चान्हो बलसोकरा की रहने वाली आसमा खातून। आसमा की तरह ही लिली केरकेट्टा, जेबा खातू, नौशाद आलम, अलताफ अंसारी, अबु अजीमुस्सान, मो आफताब अंसारी, शंकर हजाम, जिता उरांव, महेंद्र मुंडा, यूसूफ अंसारी, जावेद अख्तर आदि भी ठगी के शिकार हुए हैं। प्रगति परिवार बचत एवं साख स्वावलंबी सहकारी समिति लिमिटेड नामक कंपनी का ऑफिस पहाड़ी मंदिर रातू रोड कमलाकांत रोड में है, जहां अब ताला लटक रहा है। ठगी के शिकार अधिकतर लोग लोहरदगा, बीआईटी, मांडर, चान्हो, बड़गाई के हैं। मामले में कोतवाली थाने में गुरुवार को लोगों ने शिकायत दर्ज कराई है।
निकाह में मिले जेवरात बेचे
चान्हो बलसोकरा की रहनेवाली आसमा खातून ने कहा कि उसने अपने निकाह में मिले जेवरात बेच डाले। फिर कंपनी में इंवेस्ट किया। कहा गया कि एक साल के बाद पैसा दोगुना हो जाएगा। पर, जबतक मैच्यूरिटी पूरी होती, तबतक कंपनी नौ दो ग्यारह हो गई।
क्या है मामला
नगड़ी के नयासराय निवासी आफताब अंसारी ने कोतवाली थाना पुलिस को दी शिकायत में कहा है कि उसके साथ मो शमशाद आलम, मो इब्राहिम ने धोखाधड़ी की है। आरोप है कि दोनों प्रगति परिवार बचत एवं साख स्वावलंबी सहकारी समिति लिमिटेड नामक कंपनी में कोषाध्यक्ष व निदेशक के रूप में कार्यरत हैं। वर्तमान में यह ऑफिस पहाड़ी मंदिर रातू रोड कमलाकांत रोड में है। आफताब ने बताया कि वर्ष ख्0क्भ् में कंपनी में निवेश करने का प्रस्ताव दिया। कहा गया कि रांची आसपास के कई लोगों ने निवेश किया है। निवेश के आधार पर नौकरी का भी लालच दिया और एजेंट बनाकर करीबियों से लगभग क्भ् लाख रुपए इंवेस्ट करवाए। एक दो माह तक निवेशित राशि की रसीद प्रगति परिवार द्वारा क्रेडिट को ऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड का मिला। उसके बाद रसीद खुद बदल दिया गया। शक होने पर पैसे कलेक्ट करना बंद कर दिया। जब पैसे की डिमांड की तो आश्वासन दिया गया कि जल्द ही सारे पैसे वापस कर दिए जाएंगे। लेकिन, अब ऑफिस में ताला लग गया है और न डायरेक्टर का पता है न कोषाध्यक्ष का।
किससे कितने की हुई ठगी
विक्टिम रकम
मो आफताब अंसारी क्भ्,00,000
आसमा खातून फ्0,000
लिली केरकेट्टा 8क्, म्00
जेबा खातून क्,भ्0,000
नौशाद आलम 9म्,800
इलताफ अंसारी 8ब्, ब्00
अबु अजीमुस्सान क्,क्ब्,ब्00
शंकर हजाम म्0,000
जिता उरांव 80,000
महेंद्र मुंडा क्क्,000
यूसूफ अंसारी फ्म्,म्00
जावेद अख्तर क्,000
क्या कहते हैं विक्टिम
मैं चान्हो थाना क्षेत्र के बलसोकरा की रहनेवाली हूुं। करोड़पति बनने का लालच देकर पहले जेवरात बेचवाया, फिर पैसे ठग लिये।
-आसमा खातून
जीवन भर की कमाई लूट ली। कई बार लगा कि मैं वहां जॉब कर रही हूं। लेकिन, नहीं पता था कि मुझे धोखा देंगे।
-लिलि केरकेट्टा
मैंने तो अपने रिश्तेदारों तक से पैसे जमा करवाए। अब वो लोग मेरी गिरेबां पकड़ रहे हैं।
-नौशाद आलम
सोचा था कि इंवेस्ट कर कुछ व्यवसाय करूंगा, पर मैं तो लुट गया।
-जिता उरांव
मुझे उम्मीद नहीं थी कि मैं ठगा जाऊंगा, दो साल से कुछ नहीं मिला।
-आफताब अंसारी