RANCHI : जेपीएससी की छठी सिविल सेवा परीक्षा बिलकुल नए पैटर्न पर ली जाएगी। आयोग ने पीटी और मेन्स एग्जाम के सिलेबस को पूरी तरह बदल दिया है। यूपीएससी की तर्ज पर पर पहली बार सी-सैट लागू किया गया है। यूं तो पांचवी सिविल सेवा से ही पीटी में ऑप्शनल पेपर हटा दिया गया था, लेकिन छठी सिविल सेवा परीक्षा की पीटी का पैटर्न सी-सैट पर बेस्ड होगा। पीटी में दो पेपर्स होंगे और दोनों ही में सी-सैट का उम्मीदवार सामना करेंगे।

हर सेक्शन के क्वेश्चंस की संख्या फिक्स्ड

यह पहला मौका है, जब जेपीएससी की सिविल सर्विसेज की पीटी में हर सेक्शन से पूछे जानेवाले क्वेश्चंस की संख्या सिलेबस में ही निर्धारित कर दिए गए हैं। पीटी में सी-सैट के दो पेपर होंगे और दोनों ही पेपर में सौ-सौ क्वेश्चंस पूछे जाएंगे। पहले पेपर में हिस्ट्री ऑफ इंडिया से 15, ज्योग्रॉफी ऑफ इंडिया, इंडियन पॉलिटी, इकोनॉमिक एंड सस्टेनेबल डेवलपमेंट और झारखंड से संबंधित 10-10 क्वेश्चंस होंगे। इसके अलावा नेशनल एंड इंटरनेशनल करेंट इवेंट्स, साइंस एंड टेक्नोलॉजी और जेनरल नेचर ऑफ मिसलिनियश क्वेश्चंस की संख्या 15-15 होगी। दूसरी तरह सी-सैट के दूसरे पेपर में हिंदी व इंग्लिश कंप्रिहेंशन, बेसिक न्यूम्रेसी, जेनरल मेंटल एबिलिटी, लॉजिकल रिजनिंग, इंटरपर्सनल स्किल व डिसीजन मेकिंग एंड प्रॉब्लम सॉल्विंग के 15-15 क्वेश्चंस व हिंदी व इंग्लिश ग्रामर के 10 क्वेश्चंस पूछे जाएंगे।

1000 मा‌र्क्स का होगा मेन्स एग्जाम

मेन्स एग्जाम से भी ऑप्शनल पेपर हटा दिए गए हैं। मेन्स भी सी-सैट बेस्ड एग्जाम होगा। पहले जहां मेन्स एग्जाम में जेनरल स्टडीज के अलावा दो ऑप्शनल सब्जेक्ट के दो-दो पेपर होते थे, वहीं अब मेन्स में मात्र छह पेपर होंगे। सभी पेपर अनिवार्य होंगे। पेपर वन में जेनरल हिंदी व जेनरल इंग्लिश को रखा गया है तो पेपर टू में लैंग्वेज व लिटरेचर को रखा गया है। इसके अलावा सी-सैट के चार पेपर का सामना कैंडिडेट्स को मेन्स में करना होगा। सी-सैट के चारो पेपर दो-दौ सौ मा‌र्क्स होंगे, जबकि पेपर वन व पेपर टू एक-एक सौ मा‌र्क्स के होंगे।

रिजनल पेपर की कम हुई अहमियत

जेपीएससी की सिविल सेवा मुख्य परीक्षा में मुंडारी, खोरठा, नागपुरी, हो और संथाली जैसे रिजनल पेपर से अंतिम रिजल्ट काफी प्रभावित होते थे। चूंकि, ये लैंग्वेज सिर्फ झारखंड से संबंधित है। ऐसे में रिजनल पेपर की कॉपीज की जांच भी लोकल लेवल पर होती थी। उम्मीदवारों को इन पेपर्स में अन्य ऑप्शनल पेपर की तुलना में अच्छे मा‌र्क्स दिए जाते थे, जिसका सीधा असर रिजल्ट पर पड़ता था, लेकिन छठी सिविल सेवा से ऑप्शनल पेपर्स के हट जाने से रिजनल पेपर्स की भी अहमियत कम हो गई है। अब सिर्फ सौ मा‌र्क्स के लैंग्वेज एंड लिटरेटर पेपर में रिजनल सब्जेक्ट्स होंगे।

पर्सनालटी टेस्ट सौै मा‌र्क्स का (

छठी सिविल सेवा से इंटरव्यू में भी बदलाव लाया गया है। पहले जहां इंटरव्यू दो सौ मा‌र्क्स का होता था, उसे कम कर सौ मा‌र्क्स का कर दिया गया है। इंटरव्यू में धांधली को रोकने के ख्याल से आयोग ने इस तरह के बदलाव किए हैं।

ऑप्शनल पेपर के बीत गए दिन

झारखंड पब्लिक सर्विस कमीशन में ऑप्शनल पेपर की बदौलत सक्सेस गाथा लिखने की तैयारी करनेवाले उम्मीदवारों को तगड़ा झटका लगा है। छठी सिविल सेवा परीक्षा के पीटी और मेन्स एग्जाम के सिलेबस से ऑप्शन पेपर हटा दिए गए हैं। अब सी-सैट के सिर्फ पेपर होंगे। ऑप्शनल पेपर हटने से पीटी में स्केलिंग सिस्टम लागू करने की नौबत नहीं आएगी। ऐसे में रिजल्ट प्रकाशन में एरर की गुंजाइश भी नहीं के बराबर रह जाएगी।

कुछ ऐसा है छठी सिविल सेवा परीक्षा का अंदाज

1-पहली बार सबसे कम पोस्ट के लिए होगी सिविल सर्विसेज परीक्षा

जेपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा के इतिहास में पहली बार सबसे कम पदों के लिए परीक्षा ली जाएगी। आयोग की ओर से अबतक चार सिविल सर्विस परीक्षा की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है, जबकि पांचवी सिविल सेवा परीक्षा की प्रक्रिया चल रही है। पहली सिविल सेवा में 64, दूसरी सिविल सेवा में 173, तीसरी सिविल सेवा में 208, चौथी सिविल सेवा में 219 और पांचवी सिविल सेवा परीक्षा में 236 पद हैं, जबकि छठी सिविल सर्विस परीक्षा के लिए जारी विज्ञापन में मात्र 51 पदों का ही जिक्र किया गया है।

2-जेनरल कैटेगेरी में फाइट करेंगे महिला, विकलांग और स्पो‌र्ट्स कोटा के उम्मीदवार

छठी सिविल सेवा परीक्षा के विज्ञापन में पदों की जो आरक्षण व्यवस्था है, उसके हिसाब से महिलाओं, विकलांग, स्पो‌र्ट्स पर्सन्स, एक्स सर्विसमैन और बीसी टू के लिए एक भी पद आरक्षित नहीं है। इसका सीधा अर्थ है कि इन सभी कैटेगरी के उम्मीदवार जेनरल कैटेगरी के पदों के लिए एग्जाम देंगे। सिर्फ एसटी के लिए 20, बीसी वन के लिए तीन और एससी के लिए एक पद आरक्षित है।

3-अवसरों की संख्या भी कर दी गई कम

यूं तो पांचवी सिविल सेवा परीक्षा से ही उम्मीदवारों के अवसरों की संख्या को पांच से कम कर चार कर दी गई थी, लेकिन पहली और दूसरी सिविल सेवा परीक्षा में शामिल होनेवाले उम्मीदवारों को अवसर में छूट देने का फैसला लिया गया था। लेकिन, इसबार उम्मीदवारों को मिली यह छूट भी वापस ले ली गई है। ऐसे में कई उम्मीदवार उम्र रहते भी अवसर नहीं होने की वजह से एग्जाम नहीं दे पाएंगे।

4- पांच साल आगे कर दिया कट ऑफ डेट

छठी सिविल सेवा परीक्षा में उम्मीदवारों के लिए कट ऑफ डेट को पांच साल आगे कर दिया गया है। इस साल कट ऑफ डेट को एक अगस्त 2014 कर दिया गया है, जबकि पांचवी सिविल सेवा परीक्षा में उम्र के निर्धारण की गणना एक अगस्त 2009 के आधार पर की गई थी। ऐसे में इस बार कई उम्मीदवार एग्जाम के लिए आवेदन करने से वंचित हो जा रहे हैं।