PATNA : सरकारी नौकरी और ठेकेदारी दिलाने के नाम ठगी करने वाले एक शातिर राजीव कुमार रंजन को पटना पुलिस ने गिरफ्तार किया है। वह फतुहा का रहने वाला है। उसके पास से एक लैपटॉप और दो मोबाइल भी बरामद किया है। उसने तीन युवकों से 7 लाख 22 हजार रुपए की ठगी की थी। पुलिस ने बताया कि राजीव ने तीनों को पहले सरकारी नौकरी दिलाने का झांसा दिया था, लेकिन जब नौकरी नहीं लगवा सका तो फिर युवकों को आधार कार्ड बनवाने जैसे सरकारी कामों की ठेकेदारी दिलाने का प्रलोभन देने लगा। कुछ दिनों तक युवक झांसे में रहे। लेकिन जैसे ही उन्हें ठगे जाने का एहसास हुआ तो कंप्लेन पुलिस से की।

कई राज्यों से जुडे़ हैं तार

ठगी के शिकार कुणाल किशोर, राकेश कुमार और राज सिंह ने एसएसपी मनु महाराज से मुलाकात कर राजीव के करतूतों के बारे में बताया। एसएसपी के निर्देश पर शुक्रवार को गांधी मैदान थाने में एफआईआर दर्ज कराया गया। जांच में पता चला कि राजीव ने फिसा सॉल्यूशन प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के नाम से बुद्ध मार्ग में एक ऑफिस खोल रखी है। ठगी के पीछे एक बड़ा गैंग काम कर रहा है। जिसका नेटवर्क पश्चिम बंगाल, यूपी, पंजाब, राजस्थान और महाराष्ट्र से जुड़ा है।

आधार कार्ड बनाने की एजेंसी

एसएसपी के निर्देश पर कोतवाली थाने के एसएचओ की अगुआई में एक टीम बनाई गई। सादे लिबास में पुलिस ऑफिस के पास पहुंची। उस दौरान दो-तीन लोग मौजूद थे। जो संदिग्ध दिख रहे थे। पुलिस की मानें तो उन्हें भी ठगी का शिकार बनाने की तैयारी थी। टीम ने छापेमारी कर राजीव कुमार रंजन को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में बताया कि पूरे बिहार में उसकी कंपनी को आधार कार्ड बनाने का ठेका मिला हुआ है। आधार कार्ड बनाने की एजेंसी दिलाने के नाम पर भी उसने लोगों को ठगा है।

पोस्टर, बैनर के जरिए करते थे प्रचार-प्रसार

PATNA: प्राइवेट कंपनी में सुपरवाइजर की नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी करने वाले तीन शातिरों को गर्दनीबाग पुलिस ने गिरफ्तार किया है। जिसमें बख्तियारपुर के नया टोला माधोपुर का अविनाश कुमार, मुजफ्फरपुर के वृतबंजी के रहने वाले मो। कमाउद्दीन और मोतिहारी के रहने वाले संतोष साह शामिल हैं। इनके पास से काफी संख्या में डाबर मैनेजमेंट मार्केटिंग प्राइवेट लिमिटेड का लेटर पैड, कैशमेमो और ज्वाइनिंग लेटर बरामद किया गया। शातिरों को अनिशाबाद स्थित पुलिस कॉलोनी से ही गिरफ्तार किया गया।

कैसे होती थी ठगी

जानकारी के मुताबिक किराए के मकान में ऑफिस खोल ग्रामीण युवकों को नौकरी के नाम पर ठगा जा रहा था। जगह-जगह पोस्टर के जरिए सुपरवाइजर की नौकरी के लिए प्रचार-प्रसार किया गया था। जब कोई ऑफिस आता था तो उससे पहले फॉर्म भरने के नाम पर सौ रुपए और फिर नौकरी के लिए तीन-तीन हजार रुपए वसूलता था। इनकार करने वाले से तीन हजार रुपए जबरन छीन लिए जाते थे। पुलिस के अनुसार ठगों के गैंग में क्भ् दलाल भी शामिल हैं। जो बेरोजगार युवकों को झांसा देकर ऑफिस बुलाते थे। एसएसपी के अनुसार गैंग में शामिल दलाल और ठगों की पहचान की जा रही है। जल्द ही अरेस्ट किया जाएगा।