छ्वन्रूस्॥श्वष्ठक्कक्त्र : सिक्स पैक एब्स व मसक्यूलर मसल्स बनाने की चाह यूथ को दगा दे रही है। किसी को चलने में परेशानी आ रही है तो किसी को खड़ा होने में। असंतुलित मसल्स के बढ़ते मामले उनके लिए सिर दर्द साबित हो रही है। इसका मुख्य कारण अनट्रेंड ट्रेनर्स के हाथों में जिम को सौंपा जाना है। वे ब्वॉयज के जिस्म को फौलादी व ग‌र्ल्स को जीरो फिगर तैयार करने का ठेका लेते हैं जबकि, हकीकत है कि इन्हें सुगठित व स्वस्थ शरीर के मायने तक नहीं पाता हैं।

स्पाइनल के शिकार हो रहे यूथ

गलत तरीके से एक्ससाइज करने से आज 16 से 30 साल के यूथ भी स्पाइनल से जुड़ी समस्याओं के शिकार हो रहे हैं। इससे रीढ़ के उत्तक टूटते हैं और आसपास के मांसपेशियां कमजोर हो जाती है। यह समस्या 16 से 18 वर्ष के यूथ को अधिक होती है, क्योंकि उनके रीढ़ का विकास इसी अवस्था में होता है।

30 परसेंट जिम में ही ट्रेंड ट्रेनर

शहर में कुल मिलाकर करीब 90-120 जिम सेंटर संचालित है, लेकिन हैरान करने वाली बात यह है कि सिर्फ 30 फीसद जिम में ही ट्रेंड ट्रेनर है। बाकि 70 फीसद जिम अनट्रेंड लोग चला रहे है। जिसका खामियाजा यूथ को उठाना पड़ रहा है.शहर में संचालित हो रही जिमों की फीस 250-5000 तक है।

60-70 फीसद मुनाफा कमा रहे जिम ओनर

एक जिम ओनर नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि घटिया सप्लीमेंट बेचकर जिम ओनर 60-70 फीसद तक मुनाफा कमा रहे हैं। यूथ पर बॉडी का क्रेज इस कदर हावी है कि वह कोई भी कीमत चुकाने को तैयार होते हैं। उनकी इसी चाहत को मुनाफे के रूप में भुनाने को अनाड़ी कोच उन्हें अपने जिम से सप्लीमेंट खरीदने के लिए मजबूर करते हैं। विशेषज्ञों के अनुसार घटिया फूड सप्लीमेंट नपुंसकता, डायबिटीज, किडनी खराब होने तक की नौबत ला सकती हैं।