खालिस्तान ने बनाया था आतंकी
आपको बताते चलें कि सिखों के एक अलग देश खालिस्तान की मांग को लेकर सिखों ने काफी आंदोलन किया था। उसमें से वरियाम सिंह भी एक थे। लेकिन भारत सरकार इन सिख आतंकियों के विरोध-प्रदर्शन का मुंहतोड़ जवाब दिया। वरियाम सिंह जैसे कई लोगों को 90 के दशक में जेल में डाल दिया गया। फिलहाल वरियाम सिंह यूपी के बरेली के जेल में बंद हैं। 1990 में गिरफ्तारी के 5 साल बाद उसे टाडा के तहत अपराधी घोषित कर दिया गया था। 25 साल तक जेल में बंद वरियाम ने इस दौरान एक भी पेरोल नहीं लिया, साथ ही अपना रिकॉर्ड भी साफ-सुथरा रखा।

उम्र का तकाजा, सरकार की सिफारिश
सिख समुदाय लंबे समय से पंजाब शासित अकाली दल पर आरोपल लगा रही है। कि वह अपने सहयोगी दल भाजपा को इन आतंकियों की रिहाई के लिए मना नहीं पा रही है। खैर गृह मंत्रालय ने अब वरियाम की आजादी की हरी झंडी दे दी है। और उसे जल्द रिहा कर दिया जाएगा। गौरतलब है कि इसकी रिहाई की सिफारिश उत्तर प्रदेश सरकार ने भी की थी, जिसमें वरियाम की उम्र का तकाजा दिया गया था। बताते हैं कि सिख समुदाय ने मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से मिलकर वरियाम की रिहाई के बारे में बात की थी।  

वरियाम के बाद अगला कौन
पंजाब सरकार ने वरियाम सिंह के अलावा 13 और सिख कैदियों को रिहा करने के मांग रखी है। वहीं वरियाम के रिहा होने के बाद पंजाब की अकाली दल और बीजेपी के बीच गठबंधन तो मजबूत होगा ही। लेकिन इसका उल्टा असर भी देखने को मिल जाएगा। इस फैसले के बाद बाकी जेलों में बंद आतंकियों की रिहाई की मांग उठ सकती है। इसके अलावा उम्र कैद काट रहे ऐसे कैदियों की रिहाई के लिए पूर्व आतंकी बाबा सूरत सिंह पहले से ही उपवास पर हैं।   

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