संगम नोज के साथ 17 घाटों पर दिनभर उमड़ती रही भीड़

मकर संक्रांति पर स्नान के बाद लोगों ने गरीबों को दिया दान

ALLAHABAD गंगा, यमुना व सरस्वती के पावन त्रिवेणी तट पर मकर संक्रान्ति का पर्व आस्था और उल्लास के साथ मनाया गया। भगवान भास्कर के मकर राशि में प्रवेश करने और उत्तरायण होने की बेला पर लाखों श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाई। सूर्यदेव को अ‌र्ध्य देकर श्रद्धालुओं ने गंगा मइया का जयकारा लगाया। संगम नोज सहित 17 घाटों पर दिनभर स्नान-दान का सिलसिला चलता रहा। प्रशासन के दावे के अनुसार कुल 75 लोगों ने संगम स्नान का पुण्य लाभ कमाया।

सभी पहुंचना चाह रहे थे संगम

शनिवार को भोर से ही श्रद्धालुओं का रेला संगम पहुंचने लगा था। खासतौर से हर कोई संगम में ही डुबकी लगाने की चाहत लेकर सिर पर गठरी और गंगा मइया का जयकारा लगाता चल रहा था। संगम का आकर्षण यह रहा कि दोपहर तीन बजे तक श्रद्धालुओं की भीड़ वहां पहुंचती रही। परेड ग्राउंड से निकल रही भीड़ भी सीधे संगम की ओर ही पहुंचती दिखाई दी। करीब एक किमी के लम्बे संगम नोज पर श्रद्धालुओं के स्नान का विहंगम नजारा दिखाई दिया।

दूसरे घाटों पर कम रही भीड़

संगम नोज पर दक्षिणा देने के साथ ही श्रद्धालु जगह-जगह पुरोहितों के पास गाय की पूंछ पकड़कर बैतरणी पार करते दिखे। अन्य घाटों का नजारा संगम नोज के विपरीत दिखा। काली पाण्टून पुल के दक्षिण, गंगोत्री-शिवाला मार्ग, मोरी मार्ग के उत्तर, संगम यमुना पट्टी, अक्षयवट मार्ग व काली और त्रिवेणी पाण्टून पुल के मध्य स्नान के लिए पर्याप्त जगह मिली। यहां आने वाले श्रद्धालुओं को स्नान करने में कोई दिक्कत नहीं हुई और दस-बीस की संख्या में श्रद्धालु घाटों पर पहुंचकर स्नान दान करते रहे।

काला तिल, चावल किया दान

भगवान भास्कर को अ‌र्ध्य देने और पुण्य की डुबकी लगाने के बाद श्रद्धालुओं ने खूब दान-दक्षिणा की। संक्रान्ति के शुभ प्रतीक के तौर पर श्रद्धालुओं ने सर्वाधिक काला तिल, चावल व पीला वस्त्र दान किया। प्रशासन का दावा है कि देर शाम तक संगम नोज सहित अन्य घाटों पर करीब 75 लाख श्रद्धालुओं ने स्नान किया है।

संत महात्माओं ने भी लगाई डुबकी

मकर संक्रान्ति पर आस्था की डुबकी लगाने में संत-महात्मा भी आगे रहे। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेन्द्र गिरि, योग गुरु आनंद गिरि, महामंडलेश्वर संतोषदास, स्वामी नरेन्द्रानंद सरस्वती व महामंडलेश्वर ब्रजभूषणदास ने संगम में डुबकी लगाई। स्वामी दंडी ब्रह्माश्रम, स्वामी विमलदेव आश्रम, स्वामी महेशाश्रम, महामंडलेश्वर बिनौका बाबा सहित अन्य संन्यासियों ने अपने शिविरों के करीब स्थित घाटों पर स्नान किया।

संगम पर सेल्फी ने पहुंचाया हवालात

संक्रान्ति स्नान पर रैपिड एक्शन फोर्स के जवान संगम नोज पर मुस्तैद रहे। एक किमी की दूरी के संगम नोज पर 50 से अधिक जवान खड़े थे। खासतौर से चेजिंग रुम के बाहर महिलाओं की सुरक्षा को लेकर जवानों ने सहयोग दिया। नोज पर जगह-जगह सेल्फी ले रहे कई युवाओं को पकड़कर जवानों ने पुलिस के हवाले किया।