- आठ संदिग्ध युवक गिरफ्तार, राजस्थान के नागौर निवासी हैं सभी संदिग्ध

- बताया धार्मिक यात्रा पर निकले थे, इंटेलिजेंस एजेंसियां पूछताछ में जुटीं

LUCKNOW :

एक तरफ जहां सुप्रीम कोर्ट आगामी 5 दिसंबर से रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद केस में हर रोज सुनवाई करने जा रहा है, श्रीश्री रविशंकर कोर्ट के बाहर सभी पक्षों में आम सहमति बनाने की कोशिश में जुटे हैं, वहीं, दूसरी तरफ बीती देररात आठ संदिग्धों द्वारा रामजन्मभूमि के सुरक्षा घेरे में घुसने की कोशिश से हड़कंप मच गया। पुलिस ने इन सभी संदिग्धों को अरेस्ट कर लिया। जानकारी मिलने पर पहुंची एटीएस टीम ने संदिग्धों से लंबी पूछताछ की। हालांकि, इस पूछताछ में कोई खास जानकारी एजेंसियों के हाथ न लग सकी। एटीएस के अलावा तमाम खुफिया एजेंसियां भी संदिग्धों से पूछताछ कर रही हैं।

चेकपोस्ट पर दबोचे गए

आईजी एटीएस असीम अरुण के मुताबिक, शुक्रवार रात करीब दो बजे रामजन्मभूमि के आउटर क्वॉडन स्थित चेकपोस्ट पर वहां आ पहुंची एक जीप (आरजे-सी/4094) को चेकिंग के लिये रोका गया। जीप पर आठ संदिग्ध युवक राजस्थान के नागौर स्थित खलीलनगर बासने गांव के निवासी मो। सईद, मो। मदनी, मो। इरफान, मो। अब्दुल वहीद, मो। शकील और मो। शाकिर सवार थे। पुलिस टीम ने जब उनसे पूछताछ की तो वे ऐसी संवेदनशील जगह पर आने की कोई संतोषजनक वजह नहीं बता सके। जिस पर पुलिस ने उन सभी को अरेस्ट कर लिया और तमाम एजेंसियों को इसकी जानकारी दे दी।

जियारत के लिये निकले थे

मामला रामजन्मभूमि की सुरक्षा से जुड़ा होने की वजह से एटीएस के एएसपी राजेश साहनी टीम के साथ शनिवार सुबह अयोध्या पहुंचे और अरेस्ट किये गए सभी आरोपियों से पूछताछ की। आरोपियों ने बताया कि वे सभी एक ही गांव के रहने वाले हैं। वे सभी बीती 15 नवंबर को जियारत करने के लिये निकले थे। अजमेर शरीफ, आगरा, कासगंज और बहराइच से अयोध्या होते हुए अकबरपुर बसखारी के किछौछा शरीफ जा रहे थे। पुलिस ने उनके कब्जे से उनके आधार कार्ड व अन्य दस्तावेज बरामद किये। आईजी असीम अरुण ने बताया कि उनके आधार कार्ड की डिटेल को नागौर पुलिस से तस्दीक कराया गया। जिसमें उनके पते सही पाए गए। साथ ही उनका फिलहाल कोई आपराधिक इतिहास भी नहीं मिला है। उन्होंने बताया कि संदिग्धों से अन्य एजेंसियां भी पूछताछ कर रही हैं।

2005 में भी इसी रास्ते से आए थे आतंकी

गौरतलब है कि वर्ष 2005 की चार जुलाई को इसी रास्ते से जैश ए मोहम्मद के पांच आतंकी रामजन्मभूमि परिसर में बड़ी वारदात करने की नियत से घुसे थे। इन आतंकियों ने स्थानीय वाहन किराए पर लेकर परिसर के बगल में लगी लोहे की बैरीकेडिंग को धमाकेसे उड़ा दिया था और मंदिर के गर्भगृह की ओर चल पड़े थे। हालांकि, विवादित स्थल की सुरक्षा में तैनात सीआरपीएफ कर्मियों ने वहां पहुंचने से पहले ही मौके पर ढेर कर दिया था। इस हमले में स्थानीय जीप का ड्राइवर भी मारा गया था।