- जंगल से निकलकर सहजनवां के भरपुरवा टोला में पहुंच गया तेंदुआ

- हमले में आठ लोगों के घायल होने के बाद घेरने में जुटी पब्लिक

-आज तक ट्रांक्विलाइजर और पिंजड़ा नहीं मंगा सका विभाग

GORAKHPUR: गोरखपुर के जंगलों से भटककर तेंदुआ अक्सर आबादी वाले एरिया में पहुंच जाते हैं। लोगों में अफरा-तफरी मच जाती है। इस तरह की घटनाओं में कभी तेंदुआ लोगों पर हमला कर देता है तो कभी लोग अपने बचाव में तेंदुआ को मार डालते हैं। कई बार जिले में तेंदुआ निकलने की घटनाएं होने के बावजूद आजतक वन विभाग के पास न तो ट्रांक्विलाइजर है और न ही पिंजड़ा। सोमवार को जंगल से निकला एक तेंदुआ आबादी वाले एरिया सहजनवां के भरपुरवा टोला में जा पहुंचा। उसके हमले में आठ लोग घायल हुए तो पब्लिक भी उन्मादी हो गई। इस बीच मौके पर वन विभाग की टीम पहुंची भी तो बिना ट्रांक्विलाइजर व पिंजड़े के। विभाग की इसी तरह की गलती के कारण इसके पहले भी तीन-चार तेंदुए मारे जा चुके हैं।

शाम 5 बजे दिखा तेंदुआ

सहजनवां एरिया के भरपुरवा टोले के पश्चिम पोखरे के पास शाम 5 बजे कुछ लोग बैठकर बातचीत कर रहे थे। इसी दौरान वहां कहीं से एक तेंदुआ आ गया और हमला कर दिया। तेंदुए के हमले में लालचंद गौड़ और पट्टू बेलदार घायल हो गए। मौके पर अफरातफरी मच गई। भागो-भागो कहकर लोग खुद भी इधर-उधर भागने लगे। कुछ लोगों ने इसकी जानकारी पुलिस को दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने वन विभाग को सूचना दी।

गलती पड़ी भारी

तेंदुए के हमले में 2 लोगों के घायल होने की सूचना जंगल में आग की तरह फैल गई। लोग तेंदुए से बचने की बजाय उसे पकड़ने की कोशिश में जुट गए। खुद को घिरता देख तेंदुए ने फिर हमला कर दिया। इसके बाद तीसरे व चौथे हमले में गुड्डू व जगन्नाथ गौड़ जख्मी हो गए। वहीं पांचवीं बार तेंदुआ निकला तो राम रतन और अरविंद को घायल कर भाग निकला। सभी को तत्काल सहजनवां सीएचसी में एडमिट कराया गया।

छत पर चढ़े लोग, फोड़ रहे पटाखा

एक तरफ तेंदुए से घायल लोगों का इलाज चल रहा है, वहीं दूसरी तरफ गांव के लोग तेंदुए को पकड़ने में लगे हैं। मौके पर पुलिस व वन विभाग के लोग भी जमे हुए हैं। गांव के लोग अपने घर की छतों पर चढ़ गए हैं। हाथ में मशाल लेकर लोग उसे ढूंढने में लगे हैं। वहीं तेंदुए को भगवाने के पटाखा फोड़ रहे हैं। लोग कभी तेंदुए को पकड़ने तो कभी उसे भगाने की कोशिश में देर रात तक लगे हुए थे।

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पहले भी निकल चुका है तेंदुआ

26 जुलाई 2016 बड़हलगंज एरिया के

खजुरी पांडेय गांव में तेंदुआ के हमले में 16 लोग घायल हो गए। लोगों ने तेंदुआ को मार डाला

23 जुलाई 2016 पिपराइच एरिया के चिलबिलवा स्थित आम के बाग में तेंदुआ देखा गया। तीन दिनों तक लोग उसकी तलाश करते रहे।

23 अप्रैल 2016

महराजगंज के देवपुर गांव में लक्ष्मीपुर वन क्षेत्र में तेंदुआ निकला। उसके हमले में 10 लोग घायल हो गए

11 अप्रैल 2016

गोला एरिया के देवकली, कुड़वा आम गांव में तेंदुआ निकला, उसे पकड़ने के लिए वन विभाग की टीम कांबिंग करती रही।

03 मई 2015

बांसगांव एरिया के रघुआडीह में तेंदुआ निकला। उसके हमले से तीन लोग घायल हो गए थे। तेंदुआ लोगों के परेशानी का सबब बना रहा।

10 दिसंबर 2015

महराजगंज, सोहगीबरवा वन्य जीव प्रभाग के नक्शा-बक्शा गांव के पास तेंदुआ निकला। गांव के लोगों ने तेंदुआ को घेरकर मार डाला।

26 दिसंबर 2014

बरगदवां-मोहरीपुर में फर्टिलाइजर से निकलकर पहुंचकर तेंदुआ आबादी में पहुंच गया। तेंदुए को घेरने के चक्कर में कई लोग घायल हो गए

25 दिसंबर 2010

गुलरिहा के भरवलिया में तेंदुआ निकला था। तेंदुआ के हमले में आधा दर्जन लोग घायल हो गए थे।

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किसलिए है पिंजरा और ट्रांक्विलाइजर?

वन विभाग के पास पिंजरा और ट्रांक्विलाइजर है लेकिन सोमवार को जब सहजनवां में तेंदुआ की सूचना मिली तो वन विभाग की टीम खाली हाथ पहुंच गई। रेंजर डीएन राय का कहना था कि उनके पास अभी ट्रांक्विलाइजर या पिजड़ा कुछ भी नहीं है। डीएफओ को सूचना दी गई है। लखनऊ से पिंजड़ा आ रहा है।

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वन विभाग की लापरवाही से कई तेंदुओं की जा चुकी है जान

26 जुलाई 2016 : बड़हलगंज एरिया के खजुरी पांडेय गांव में वन विभाग की लापरवाही से तेंदुआ पकड़ा नहीं जा सका। पब्लिक ने उसे मार डाला।

9 दिसंबर 2015 : चौक थाना क्षेत्र के नक्शाबक्शा गांव के पास तेंदुआ ने खेत में पानी चला रहे किसानों पर हमला कर दिया। इसके बाद वह पेड़ पर चढ़ गया। वन विभाग अधिक ारियों क लापरवाही से भड़के लोगों ने लाठी-डंडों से तेंदुआ को इस कदर पीटा कि उसकी मौत हो गई।

मई 2015 : बांसगांव के रघुआडीह में भी वन विभाग की लापरवाही के चलते तेंदुए को अपनी जान गंवानी पड़ी।

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डीएफओ