आगरा। जालसाज शैलेन्द्र अग्रवाल ने विभिन्न अधिकारियों को 83 होंडा सिटी कार गिफ्ट दीं। आई नेक्स्ट में दिनांक 14 जून 2015 के अंक में यह खबर प्रकाशित होने के बाद अब उन अधिकारियों में खौफ है, जिनको शैलेन्द्र ने होंडा सिटी कार गिफ्ट की थी। खबर के बाद अब आगरा पुलिस इस बात की जांच कर रही है कि आखिर वो 83 होंडा सिटी गाडि़या कौन-कौन से अधिकारियों और लोगों की दी गई। इसके लिए वो आयकर विभाग और आईटीओ से मदद ले रही है।

खंगाली जा रही कार एजेंसियां

83 होंडा सिटी कारें शैलेंद्र ने आगरा, मथुरा और कानुपर से खरीदी गई थी। सूत्रों की मानें तो अधिकारियों ने इस खबर को संज्ञान में लेते हुए अब इन तीनों जिलों की कार एजेंसियों की जांच करने के निर्देश दिए हैं। अगर पुलिस को कार एजेंसियों से मदद मिलती है तो बहुत बड़े घोटाले से पर्दाफाश हो सकता है।

फूल रही अधिकारियों की सांसे

सूत्रों की मानें तो आईपीएस लॉबी में अब जिनके पास होंडा सिटी कार है, उनकी सांसें फूल रहीं है। कि कहीं एक कार की वजह से उनका नाम शैलेन्द्र अग्रवाल से न जुड़ जाए। ऐसे अधिकारियों ने अब अपनी कारों को ठिकाने लगाना शुरू कर दिया है। ये अधिकारी या तो होंडा सिटी कार की बिक्री कर रहे हैं या अपने रिश्तेदारों के यहां भिजवा रहे हैं, जिससे किसी भी तरह शैलेन्द्र नाम की आफत से उनको मुक्ति मिल सके।

किसके नाम से खरीदी गई

पुलिस जांच में एक पेंच यह फंस रहा है कि शैलेन्द्र ने 83 होंडा सिटी तीन जिलों से अधिकारियों को गिफ्ट देने के लिए

खरीदीं। लेकिन ये किसके नाम से खरीदीं गई। सूत्रों की मानें तो गिफ्ट पहुंचने के बाद शैलेन्द्र गाड़ी की आरसी बनवाता था, जिसके बाद गाड़ी किसके नाम करनी है, इसकी जानकारी वह अधिकारी से ही लेता था। किसी भी पचड़े में पड़ने के डर से अधिकारी गाडि़यों को अपने बजाय अपने संबंधियों के नाम से खरीदने की सलाह देते थे।

पद के हिसाब से देता था गिफ्ट

शैलेन्द्र अग्रवाल अधिकारियों से अपना काम निकलवाने के लिए उनके पद के हिसाब से गिफ्ट दिया करता था। जांच में एक और बात निकलकर सामने आई है कि शैलेन्द्र अग्रवाल ने 83 होंडा सिटी कार के साथ 16 फाच्र्यूनर गाडि़यां भी अधिकारियों के दरवाजे तक पहुंचाई थीं। ये गाडि़यां उसने अलग-अलग जगह से खरीदीं थीं। इसके साथ ही छोटे अधिकारियों को भी खुश करने में माहिर था। इंस्पेक्टर लेवल के अधिकारी को लिफाफे दिया करता था।

सबसे पहले किया था खुलासा

जालसाज शैलेन्द्र अग्रवाल ने करीबियों को 80 से ज्यादा होंडा सिटी गिफ्ट की थीं। इसका खुलासा आई नेक्स्ट ने अपने 14 जून के अंक में 'गिफ्ट दे चुका है 80 से ज्यादा कार' शीर्षक के साथ न्यूज पब्लिश कर किया था।

खंगाले जा रहे एक साल पुराने एसएमएस

जालसाज शैलेन्द्र अग्रवाल की जांच में पुलिस ने एक और कदम बढ़ाया है। इस पूरे प्रकरण की जांच कर रही टीम अब शैलेन्द्र अग्रवाल के मोबाइल की एक वर्ष की एसएमएस डिटेल और कॉल डिटेल खंगालेगी। सूत्रों की मानें तो इनकी डिटेल पुलिस के पास आ चुकी है।

क्या थे मैसेज और क्या हुई बात

पुलिस ने शैलेन्द्र अग्रवाल का जब मोबाइल लिया, तो उसमें बहुत कुछ पुलिस को नहीं मिला। पुलिस ने सीबीआई सेल की मदद से शैलेन्द्र अग्रवाल के मोबाइल की डिटेल को रिकवर कराया था। ये डिटेल इस प्रकरण में जांच कर रही टीम के पास आ चुकी है। बस जांच टीम को इंतजार है इन एसएमएस की जानकारी होने का, क्योंकि एसएमएस में जो बात की गई थी, वो भी कोड लेंग्वेज थी। इसके साथ ही एक वर्ष में शैलेन्द्र अग्रवाल द्वारा किए गए कॉल की डिटेल भी जांच टीम को मिल गई है।

जांच में फिर आई तेजी

शैलेन्द्र प्रकरण में जांच कर रही डीआईजी लक्ष्मी सिंह ने चार दिन की छुट्टी के बाद सोमवार को कार्यभार संभाल लिया। सूत्रों की मानें तो डीआईजी ने आते ही सबसे पहले शैलेन्द्र प्रकरण में चल रही जांच की समीक्षा की। देर रात तक डीआईजी अधिकारियों के साथ बैठक कर इस मामले में रणनीति तैयार करती रहीं।