क्या् हैं वो तरीके जो आपकी भावनाओं पर बांध बनाते हैं और आपको खुद को और अपने रिश्तों  को संभालने में मदद करते हैं. आपने शायद इस बारे में कभी नहीं सोचा होगा. चलिए आज हम बताते हैं कैसे मनवा ना लागे तो उसे मनायें.  

अपने दर्द को जुबान दें: कभी कभी हम ऐसी बातों को जो हमें तकलीफ देतीं है बताने और जताने में हिचकिचाते हैं. बल्कि खुद से भी नहीं कहते. ऐसा बिलकुल ना करें खुल कर कहें कि आप किस बात से क्या महसूस करते हैं. जिन बातों से तकलीफ हो उन्हें जरूर जता दें.

दिल की बात कागज पर उतारें: कभी ऐसा भी होता है कि आप समझ ही नहीं पाते कि क्या है जो हमें चुभ रहा है और आपका तनाव बढ़ा रहा है. ऐसे में दिल में जो आए उसे एक डायरी बना कर उस में लिख लें. आप जो भी महसूस करें वो लिखें. बल्कि हो सके तो ये भी लिख लें कि ऐसे इमोशनल अप्स और डाउन में आपने क्या क्या किया, किस बात पर कैसे रिएक्ट किया. आप समझ जायेंगे की किस बात ने आपको विचलित किया है.

अपने को भावनाओं में बहने से रोकें: जिंदगी हमारे सामने कई रंग में आती है. ऐसे में उसे सिर्फ ब्लैक एण्ड व्हाइट में ही बांट कर नहीं देखा जा सकता. कुछ चीजें आपके कंट्रोल में हैं और कुछ नहीं हैं. इसलिए कभी कभी ग्रे शेड को भी अपनायें, यानि जितना हो सके बस उतना ही करें उससे ज्यादा करके अच्छे दिखने का फिजूल प्रयास ना करें. जब आप ये मान लेंगे कि आप कुछ खास सिचुएशन को संभालने में समर्थ नहीं है तो आप की भावनायें नियंत्रित हो जाती हैं और जो है जैसा है उसे वैसा स्वीकार कर लेती हैं.
समस्याओं को सिर पर सवार ना करें: जब आप जानते हैं कि हर चीज आपके बस में नहीं है तो फिर स्ट्रेस देने वाली विपरीत परिस्थियों में पैनिक क्यूं करना. अगर आप चाहते हैं कि स्ट्रैंस फ्री लाइफ जी सकें तो अपेझाओं के पहाड़ को अपने ऊपर ना लादें और उतना ही करें जितना सामान्य् रूप से किया जा सकता है.

Manage your emotions

अपनी प्राब्लम को नजरिया बदल कर देखने की कोशिश करें: जी हां कई बार जब आप शांत मन से रिश्तों की गांठों को एक अलग नजरिये से देखते हैं तो उन्हें सुलझाना आसान हो जाता है. मान लीजिए आप जानते हैं कि आप का प्रोफेशन घर में रह कर फेमिली के किसी बीमार सदस्य की देखभाल करने में सर्पोट देने की इजाजत या समय नहीं देता. तो आप उसके लिए खुद को गिल्टी दे कर परेशान होने की बजाय ऐसे हेल्पिंग हैण्ड प्रोवाइड करने की प्लानिंग करें जे उस वक्त में बाकी मेंबर्स की हेल्प कर सकें और उन्हें रिलैक्स होने का मौका दे सकें.

नजरअंदाज करना सीखें: जी ऐसा बिहेवियर डेवलप करें जो आपको परेशान करने वाली बातों को नजरअंदाज करना सिखाए. जब आपको लगे की अगर आप सामने रहे तो या कुछ बोले तो बात बिगड़ेगी और आपका तनाव भी बढ़ेगा तो सामने हट जाएं. हो सके तो वॉक पर निकल जायें या फिर किसी पैंडिंग पड़े दूसरे काम को निबटाने लगें.

दिल के करीब लोगों से बाटें दिल के राज: कहते हैं कि दर्द बांटने से घट जाता है और खुशी बांटने से दुगनी हो जाती है. तो परिवार और दोस्तों में जो आपके दिल के सबसे ज्यादा करीब हो और आपको समझता हो उससे अपनी बातें जरूर शेयर करें.

व्यायाम करें या नाचें: एक्सरसाइज सबसे अच्छा स्ट्रेस बस्टर है जब भावनायें उमड़ती ही आ रही हों और रोने के लिए कोई कंधा ना मिले तो एक्सरसाइज करें. या फिर भले ही आप अच्छे डांसर ना हों म्यूजिक लगा कर थिरकना स्टार्ट कर दें. देखिए कैसे कुछ ही देर में सब कुछ आपको अपने कंट्रोल में लगेगा और आप फिट भी रहेंगे.  

मैडीटेशन करें: वैसे तो ये दुनिया भर में अपने को नियंत्रित करने का सबसे पाप्युलर और स्वीकृत तरीका है. हमने इसे सबसे बाद में आपको इसलिए बताया क्योंकी एक तो आप ये पहले से ही जानते हैं. दूसरा ये आपको संभलने का हमारा आखिरी हथियार भी था.

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