- यूपी बोर्ड के मूल्यांकन को लेकर बोर्ड मुख्यालय ने दिया है निर्देश।

मेरठ- यूपी बोर्ड की ओर से शुरू होने जा रहे मूल्यांकन में नकलमाफिया के खेल को रोकने के लिए इस वर्ष स्क्रीनिंग की व्यवस्था की गई है। योजना के तहत अगर छात्र के 90 प्रतिशत से अधिक अंक आते हैं तो उसकी उत्तर पुस्तिका की स्क्रीनिंग कराई जाएगी। प्रत्येक क्वेश्चन के मूल्यांकन को देखा जाएगा। यह जिम्मेदारी उप कक्ष निरीक्षकों को होगी कि वह 15 प्रतिशत कॉपियों को रेडमार्क चेक करते समय इस बात का भी ख्याल रखे। इसके बाद भी लापरवाही हुई तो संबंध में कार्रवाई होगी।

अंक बढ़वाने का खेल खत्म

शिक्षा माफिया कई बार मूल्यांकन केंद्रों पर सेंधमारी कर कॉपियों में अंक बढ़वा लेते हैं। मगर स्क्रीनिंग की व्यवस्था होते से किसी भी तरह की गड़बड़ी पर रोक लगाई जा सकती है। वहीं मूल्यांकन को लेकर शासन की ओर से जारी किए गए निर्देशों में भी स्पष्ट किया गया है कि सभी केंद्रों पर मूल्यांकन करते समय केंद्रों पर बाहरी व्यक्तियों का प्रवेश नहीं होना चाहिए।

हुआ खेल तो होगी कार्रवाई

शासन ने निर्देश दिए हैं कि अगर कॉपियों में कॉपी चेक करने वाले शिक्षकों से गलती होती है तो उसकी चेकिंग उप निरीक्षकों की जिम्मेदारी है। अगर उप निरीक्षकों की जांच के बाद भी कॉपियों में 90 प्रतिशत से अधिक अंक मिलते हैं, तो ऐसी कॉपियों को कोई थर्ड पर्सन स्क्रीनिंग के रूप में चेक करेगा। अगर कॉपी स्क्रीनिंग में गड़बड़ी आती है तो संबंध में उप निरीक्षक व निरीक्षक पर कार्रवाई होगी।

ये भी दिए गए हैं निर्देश

- कॉपियों को सुरक्षित रखने के निर्देश दिए गए हैं।

- परीक्षकों को मोबाइल फोन न लाने की भी एडवाइस दी गई है।

-उप निरीक्षकों की जिम्मेदारी है कि अगर शिक्षक मोबाइल लाते हैं तो उन्हें कॉपी चेकिंग के समय बंद करवा लें, ताकि कोई नकलमाफियों का खेल न हो।

- छात्रों ने अगर कॉपी पर वाइटनर का प्रयोग किया है तो उस कॉपी को नकलमाफियों का काम होने के संदेह में रखा जाए।

- कोड वाली कॉपियों पर खास नजर रखने के निर्देश दिए गए हैं।

बोर्ड मूल्यांकन को लेकर विभिन्न निर्देश आए हैं। जिनके आधार पर ही मूल्यांकन किया जाएगा।

श्रवण कुमार यादव, डीआईओएस