-टेनरी और गंगा का जहरीला पानी सीधे गंगा में रोकने के लिए बनाए गए सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट के संचालन में बड़ा 'खेल'

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KANPUR : गंगा को स्वच्छ और निर्मल बनाने के नाम पर बड़ा धोखा किया जा रहा है। सीवेज और टेनरियों का पानी सीधे गंगा में न जाए इसके लिए जाजमऊ में बनाए गए सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) काम ही नहीं कर रहे हैं। खुद नगर आयुक्त ने इसके संचालन में बड़ी खामियां पकड़ी हैं। मंडे को दैनिक जागरण-आई नेक्स्ट ने एसटीपी प्लांट को चेक किया तो मालूम चला कि एसटीपी के नाम पर गंगा के प्रदूषण को कम करने के लिए बड़ा 'खेल' हो रहा है। ऐसे में बड़ा सवाल यह उठता है कि जब एसटीपी काम नहीं कर रहे हैं तो गंगा का पॉल्यूशन कैसे कम हो सकता है?

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जाजमऊ एसटीपी में 'खेल'

गंगा में सीधे टेनरियों से निकलने वाला क्रोमियमयुक्त गंदा पानी और सीवेज सीधे न गिरे इसको रोकने के लिहाज से जाजमऊ का एसटीपी प्लांट बेहद महत्वपूर्ण है। यहां तीन एसटीपी प्लांट बनाए गए हैं। जिनकी क्षमता क्रमश: भ्, फ्म् और क्ख्0 एमएलडी है। इसमें फ्म् एमएलडी प्लांट में 9 एमएलडी का क्रोम प्लांट भी है। यहां फ्म् एमएलडी के प्लांट में भारी मात्रा में गंदगी साफ नहीं हो रही बल्कि गंगा में गिर रही है। टीएसएस वैल्यू जो कि नियमत: म्00 यूनिट होनी चाहिये, इसकी मात्रा 8000 से क्0000 औसत में आ रही है। इससे प्लांट की ट्रीटमेंट पर ही सवाल उठने लगे हैं? यहां स्थित कोई भी प्लांट क्0 प्रतिशत चलता हुआ नहीं पाया गया है।

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कोई डाटा ही नहीं है उपलब्ध

बिनगवां में ख्क्0 एमएलडी क्षमता का एसटीपी प्लांट है। इस प्लांट में तकनीकी स्टाफ अपनी मर्जी का मालिक है। उनको आने से कोई मतलब ही नहीं है। ऐसे में प्लांट कैसे चल रहा है, इसका अंदाजा आप खुद लगा सकते हैं। केवल एक सुपरवाइजर के भरोसे 'हवा' में पूरे प्लान्ट चलाए जा रहा है। इस प्लांट में सीवेज के बारे में जानकारी करने पर पाया गया कि ख्क्0 एमएलडी वाले इस प्लांट में मात्र 70 एमएलडी सीवेज ही ट्रीट किया जा रहा है। पंपवेल में लगे हुए पंपों की लॉगबुक भी तैयार नहीं की गई थी, जिससे इनकी कार्यप्रणाली पर गहरा सवाल उठ रहा है। वहीं ट्रीट करने के बाद पांडू नदी में छोड़े जा रहे पानी का भी कभी टेस्ट नहीं किया गया। प्लांट को चलाने के लिए किसी भी प्रकार का कोई रिकॉर्ड देखने को नहीं मिला। पिछले दिनों नगर आयुक्त अविनाश सिंह ने भी यहां का निरीक्षण किया था, जिसमें भी यह कमियां पाई गई थीं।

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नहीं मिला कोई हिसाब

यहां ब्ख् एमएलडी का वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट लगाया गया है। ब्ब्.म् करोड़ की लागत से इस प्लांट का निर्माण किया गया। यहां पूरी क्षमता से वॉटर ट्रीट किया जा रहा है। लाइट जाने पर यहां लगे जेनरेटर को न के बराबर चलाया जाता है। ऐसे में यह कह पाना मुश्किल है कि यहां कितने एमएलडी वॉटर ट्रीट किया जा रहा है। वहीं कानपुर में गंगा को प्रदूषण से मुक्ति के लिए दो और एसटीपी का निर्माण किया जा रहा है। जिसको दिल्ली में एनएमसीजी की बैठक में पास होने की पूरी उम्मीद है। बिनगवां में फ्0 एमएलडी और पनकी में 80 एमएलडी का एसटीपी बनाया जाना प्रस्तावित है।

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एसटीपी एक नजर में

जाजमऊ एसटीपी

क्। भ् एमएलडी

ख्। फ्म् एमएलडी

फ्। क्ख्0 एमएलडी

लागतख्00 करोड़

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बिनगवां एसटीपी

ख्क्0 एमएलडी

लागतक्ख्7 करोड़

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सजारी एसटीपी

ब्ख् एमएलडी

लागत ब्ब्.म् करोड़

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प्रस्तावित एसटीपी

बिनगवां--- फ्0 एमएलडी

पनकी---80 एमएलडी

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एनजीटी से आए आदेश के बाद शहर में मौजूद सभी एसटीपी का बारीकी से निरीक्षण किया जा रहा है। इनके संचालन में भारी गड़बड़ी पाई गई हैं, जिनकी रिपोर्ट मांगी गई है। जल्द ही इन कमियों को दूर कर दिया जाएगा और एसटीपी का संचालन पूरी क्षमता से हो सकेगा।

-अविनाश सिंह, नगर आयुक्त, नगर निगम।