PATNA : ये कहानी जो कि हकीकत है नवादा के एक ऐसे शिक्षक की जिनका जीवन शिक्षा के लिए समर्पित था लेकिन जब उन्हें पता चला कि वे एचआईवी पॉजीटिव हैं तो पैरों तले जमीन खिसक गई। जीने का मकसद ही नहीं रहा। जान देने के लिए आतुर हो गए। लेकिन मन नहीं मान रहा था। सोचा क्यों नहीं मरने से पहले एक बार 'संवाद' को फोन लगा लूं। कॉल करने पर वहां बताया गया कि आप किस तरह सामान्य जीवन जी सकते हैं। इसका प्रभाव यह हुआ कि उन्होंने न सिर्फ जान देने का इरादा बदल दिया बल्कि दूसरों को जीना सीखा रहे हैं।

-म् साल में एक लाख कॉल

यह तो महज एक बानगी है। ऐसे रोजाना सैकड़ों फोन आते हैं पटना के बोरिंग रोड के पास बने हेल्पलाइन सेंटर पर। रोज की तरह व‌र्ल्ड एड्स डे पर भी इस सेंटर पर टेलीफोन की घंटियां घनघना रही थीं। ये कॉल थे एचआई पॉजीटिव और इस संक्रमण को जानने वालों के। आई नेक्स्ट की टीम ने भी पहुंच कर हकीकत को जाना तो चौंकाने वाला खुलासा हुआ। सेंटर के ट्रेन्ड काउंसलर्स एड्स पीडि़तों को साइंटिफिक जानकारी के साथ जीवन जीने के लिए मोटिवेट कर रहे थे। ख्0क्0 में शुरू हुए इस सेंटर पर अब तक करीब क् लाख कॉल्स आ चुके हैं, जो इस बात के गवाह हैं कि बिहार में एड्स कितना गंभीर रूप ले चुका है।

-हर वर्ग के लोग शामिल

संवाद के सीनियर काउंसलर जीतेंद्र कुमार की मानें तो इस कॉल सेंटर में हर प्रोफेशन के लोगों के कॉल्स आते हैं। पढ़े लिखे लोगों में भी इस इंफेक्शन के बारे में कई भ्रांतियां फैली हुई है। बैंकर्स, स्टूडेंट सहित शहरी आबादी से कई कॉल्स आते हैं। रोज आने वाले करीब म्0 कॉल्स में क्0 से क्ख् इंफेक्टेड लोग और इतने ही रिस्क जोन में होते हैं।

-इस तरह करते हैं जागरूक

संवाद सेंटर के प्रमोशन अफसर और काउंसलर ज्योति बताते हैं कि संस्था के फोकस में एक ओर जहां ट्रक और ऑटो ड्राइवर्स हैं वहीं स्कूली स्टूडेंट्स को भी अवेयर करने के लिए प्रोजेक्ट पाठशाला चलाया जा रहा है। यहां सभी काउंसलर नाको के गाइडलाइन्स पर साइंटिफिक जानकारी देते हैं। सेक्स एजुकेशन पर सभी काउंसलर ने स्पेशल कोर्स किया हुआ है।

ऐसे बिहार आ गया महाराष्ट्र का सेंटर

संवाद हेल्पलाइन सेंटर के बिहार में शुरू होने की कहानी भी कम रोचक नहीं है। यह सेंटर पहले महाराष्ट्र में चलता था जहां बिहार के लोगों के फोन सबसे अधिक आते थे। क्येंकि एड्स के मामले में बिहार से बाहर जानेवाले मजदूरों की स्थिति भी कम गंभीर नहीं है। यही वजह है कि मुक्ता चैरिटेबल फाउंडेशन के प्रोजेक्ट के तहत इसे पटना में लॉन्च किया गया।

क्भ् फीसदी कॉलर एचआईवी इंफेक्टेड

वर्ष - कॉल्स- मेल कॉलर फीमेल कॉलर इंफेक्टेड

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