हिंदु संगठनों ने कहा घर वापसी

उत्तरप्रदेश में धार्मिक ध्रुवीकरण की घटनाएं थमने का नाम नही ले रही हैं. हाल ही में अलीगढ़ से 30 किलोमीटर दूर इरम आगा नामक जगह पर एक चर्च के शिव मंदिर में बदलने की घटना सामने आई है. स्थानीय नागरिकों के मुताबिक सबसे पहले सेवंथ डे एडवेंटिस्ट्स चर्च में लगे क्रॉस को दीवार से उतारकर चर्च के बाहर ले जाया गया. इसके बाद उसके स्थान पर हिंदू भगवान शिव की तस्वीर लगाई गई. इसके साथ ही चर्च प्रांगण में 72 लोगों को ईसाई धर्म से हिंदू धर्म में परिवर्तित किया गया. गौरतलब है कि यह सभी लोग बाल्मिकी समाज को बिलॉंग करते हैं और 1995 में हिंदू धर्म छोड़कर ईसाई बने थे. हिंदू संगठनों ने इसे घर वापसी कहा है. आरएसएस प्रचारक और धर्म जागरण संगठन ने इस बारे में कहा है कि यह धर्मांतरण नही बल्कि घर वापसी है. इसके साथ ही उन्होनें 72 लोगों के बारे में कहा कि यह लोग अपनी मर्जी से हिंदू धर्म छोड़कर गए थे लेकिन जब उन्हें अपनी गलती का अहसास हूआ तो वे वापस आ गए हैं. हिंदू धर्म को अपनाने वाले 72 लोगों में शामिल 78 वर्षीय राजेंद्र सिंह का कहना है कि उन्हें पिछले साल चर्च के बाहर पैरालिसिस का अटैक आया था तब उन्हें अहसास हुआ कि यह हिंदू धर्म छोड़ने के लिए माता देवी की सजा है. इनके अलावा फिर से हिंदू बने अनिल गौढ़ ने कहा कि हमने कास्ट सिस्टम से तंग आकर हिंदू धर्म छोड़ा था लेकिन हमने ईसाईयत में देखा है कि उन्होंने हमारे लिए एक मिशनरी चर्च बना दिया लेकिन हमारी मदद करने नही आए.

चर्च के अंदर हुआ हवन

इस घटना में चर्च के अंदर शुद्धिकरण के लिए चर्च के अंदर हवन किया गया. इस बारे में सिटी मेथडिस्ट चर्च के फादर ने कहा कि किसी भी धर्म में विश्वास करना या ना करना एक व्यक्तिगत मामला है लेकिन चर्च के अंदर हवन करना स्वीकार्य नही है. इसके अलावा अलीगढ़ में वकील और ईसाई समुदाय के लीडर ओजमंड चार्ल्स ने कहा है कि लव जिहाद और घर वापसी जैसी बातों का सर उठाना कहीं हिंदू राष्ट्र बनने की ओर संकेत तो नही है.

इलाके में फैला तनाव

इस घटना की खबर इलाके में आग की तरह फैल गई और लोकल इंटेलिजेंस यूनिट के अधिकारी मौके पर पहुंच गए. इसके साथ ही इलाके में पुलिस तैनात कर दी गई है. स्थानीय लोग पुलिस को तैनाती देखकर काफी बैचेनी महसूस कर रहे हैं.

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