क्रिकेट प्रेमियों के लिए सिडनी से लगभग 100 किलोमीटर दूर बाउरल नाम का एक छोटा शहर किसी तीर्थ से कम नहीं है। बौरल में डॉन ब्रैडमैन ने अपना बचपन गुज़ारा था और यहीं से उन्होंने टेस्ट क्रिकेट की शुरुआत की थी।

सिडनी से ट्रेन या बस से दो घंटे में बाउरल पंहुचा जा सकता है। यहां के रेलवे स्टेशन में भी लिखा है बाउरल–डॉन ब्रैडमैन का शहर। डॉन ब्रैडमैन का जन्म कूटामूंडरा में हुआ था। लेकिन बचपन में ही उनका परिवार बाउरल में आ गया था जहां उन्होंने क्रिकेट खेलना शुरू किया। बचपन में वो अकेले क्रिकेट की प्रैक्टिस करते थे और इसके लिए उन्होंने एक अनोखी तकनीक खोज निकाली थी।

तकनीक

ब्रैडमैन क्रिकेट की स्टंप से गोल्फ़ की गेंद को घर की पानी की टंकी पर मारते थे और जब गेंद वापस आती तो फिर उसे टंकी पर मारते थे। ब्रैडमैन ने बाद में कहा था कि इस तकनीक को दोहराते हुए उन्हें गेंद को किसी भी दिशा में मारने की तकनीक हासिल हुई थी।

बाउरल की ओर से खेलते हुए ही ब्रैडमैन ने अपने न्यू साउथ वेल्स राज्य की टीम में जगह बनाई थी और बाद में वो ऑस्ट्रेलिया के लिए भी खेले। 1927 से 1934 तक ब्रैडमैन इसी राज्य के लिए खेले और 1934 में वो एडिलेड में बस गए।

ब्रैडमैन की शुरुआती क्रिकेट की याद को बाउरल शहर ने अपने दिल में संजो कर रखा है। यहां पर उनके घर को देखने दूर-दूर से हर दिन कई क्रिकेट प्रेमी आते हैं।

और अगर क्रिकेट और ब्रैडमैन के इतिहास को बेहतर समझना है तो बाउरल में ही ब्रैडमैन फ़ाउंडेशन ने म्यूज़ियम खोला है जहां क्रिकेट की अनमोल निशानियाँ रखी हैं।

प्रस्तुति

म्यूज़ियम में क्रिकेट की उत्पति और इसके इतिहास को तस्वीरों के ज़रिए दिखाया गया है। क्रिकेट के इतिहास के मील के पत्थर जैसे ऐशेज़ सिरीज़ की शुरुआत, बॉडीलाइन सिरीज़, कैरी पैकर की वनडे सिरीज़ के बारे में विस्तार से बताया गया है। ख़ासकर ब्रैडमैन के कारनामों को सिलसिलेवार ढंग से प्रस्तुत किया गया है।

ब्रैडमैन म्यूज़ियम के डायरेक्टर (ऑपरेशंस) माइक वाइज़ बताते हैं, "यहां हर दिन कई तरह के लोग आते हैं। कई विदेशी पर्यटक होते हैं और चार में से एक यहां आने वाला भारतीय होता है."

म्यूज़ियम में मौजूद भारतीय पर्यटक प्रियंक चंदक कहते हैं, "मुझे यहां इतिहास की प्रस्तुति सबसे अच्छी लगी। ख़ासकर ब्रैडमैन की तकनीक की बारीकियां बेहद ज्ञानवर्धक हैं."

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